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रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति सख्त रुख न दिखाए मोदी सरकार: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने म्यामांर के रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है. मायावती ने कहा है कि भारत सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति मानवता के नाते इन लोगों के साथ कड़ा और सख्त रुख नहीं दिखाना चाहिए.

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  • Last Updated: September 13, 2017 14:17:33 IST
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने म्यामांर के रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या पर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया है. मायावती ने कहा है कि भारत सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति मानवता के नाते इन लोगों के साथ कड़ा और सख्त रुख नहीं दिखाना चाहिए. ये लोग म्यामांर में फैली अशांति और हिंसा की वजह से भारत में रह रहे हैं इसलिए भारत सरकार को इन पर नरम रुख अख्तियार करे. मायावती ने कहा कि म्यांमार में फैली हिंसा के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत और बांग्लादेश में शरण ले रखी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर रुख साफ नहीं है, इसके चलते असमंजस की स्थिति लगातार बनी हुई है. रोहिंग्या मुसलमानों के साथ भारत सरकार को मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए, भारत की हमेशा से ही यही परंपरा रही है.
 
मायावती ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा सुलझाने के लिए भारत सरकार को आगे बढ़कर म्यांमार और बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए, जिससे लगतार हो रहे पलायन को रोका जा सके. बता दें कि राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के नेता के एन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान न सिर्फ राष्ट्रीय संसाधन पर बोझ हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं. के एन गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा था कि देश में रह रहे रोहिंग्य मुसलमान की पहचान कर इन्हें वापस भेजा जाए. के एन गोविंदाचार्य ने उस याचिका का विरोध किया है जिसमें भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.
 
गोविंदाचार्य की याचिका पर रोहिंग्या मुसलमानों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दाखिल की जा रही याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए. समुदाय ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि उनका आतंकवाद और किसी आतंकी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. रोहिंग्या समुदाय ने ये भी कहा कि उन्हें सिर्फ मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है. बता दें कि जम्मू में रहने वाले करीब 7 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों की तरफ से याचिका दायर की गई है. याचिका में ये भी कहा गया है कि स्थानीय पुलिस ने एक साल पहले हर रोहिंग्या परिवार की गहन जांच की थी. साथ ही ये भी बताया गया, ‘पुलिस ने हर परिवार की पूरी जानकारी जुटाई थी.  दरअसल म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमान को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद म्यांमार में हिंसा करने के बाद रोहिंग्या मुसलमान भारत भागकर आ गए हैं और जम्मू, हैदराबार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर आदि जगहों पर अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं.
 

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