Inkhabar

जानिए संघ के अब तक के सबसे बड़े शिविर की पूरी योजना

आरएसएस स्वयंसेवकों के समामग के अपने पुराने रिकॉर्ड को अब तोड़ने जा रहा है. सन 2000 में जहां संघ ने 75 साल पूरा करने पर आगरा में 75 हजार स्वयंसेवकों का शिविर लगाया था

RSS, Camp, Meerut, Mohan Bhagwat, history, Rashtroday, UP, Rashtriya Swayamsevak Sangh, hindi news, India News
inkhbar News
  • Last Updated: September 14, 2017 11:59:42 IST
नई दिल्ली. आरएसएस स्वयंसेवकों के समामग के अपने पुराने रिकॉर्ड को अब तोड़ने जा रहा है. सन 2000 में जहां संघ ने 75 साल पूरा करने पर आगरा में 75 हजार स्वयंसेवकों का शिविर लगाया था, केरल के कोल्लम में 92 हजार स्वयंसेवकों का समागम करके उस रिकॉर्ड को 2010 में तोड़ दिया था. अब 2018 का मेरठ समागम इन सारे रिकॉर्ड्स को दोगुने से भी ज्यादा अंतर से ध्वस्त करने जा रहा है. मेरठ में 25 फरवरी 2018 को संघ का जो स्वयंसेवक समागम होगा वो एक लाख नहीं बल्कि दो लाख से भी ज्यादा यानी 2 लाख 51 हजार स्वयंसेवकों का होगा. इस समागम को नाम दिया गया है कि राष्ट्रोदय, जो 25 फरवरी को मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन इलाके में किया जाएगा. तैयारियां बड़े जोरों से शुरू कर दी गई हैं, पूरे इलाके का संघ के अधिकारी कई बार सर्वे कर चुके हैं. उन्हें इतने स्वयंसेवकों को इकट्ठा सम्बोधन के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर मैदान की जरूरत होगी, साथ ही कम से कम पांच हजार बसों की पार्किंग के लिए भी एक बडा मैदान तलाशना होगा, कोई मैकेनिज्म बनाना होगा. इसके लिए मेरठ प्रांत (संघ दृष्टि से) और आसपास के पच्चीस जिलों से स्वयंसेवकों का पंजीकरण होना शुरू हो चुका है. अब तक 25 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों का पंजीकरण हो भी चुका है.
 
सभी जिले के स्वयंसेवक एक साथ रहें, इसके लिए उनका अपना कोड और अलग झंडे बनाए जा रहे हैं, उनकी बसों की पहचान के लिए सभी बसों पर अलग अलग रंग के ये झंडे होंगे. रजिस्ट्रेशन के लिए मेरठ संघ विभाग ने एक वेबसाइट भी बनाई है, इस साइट https://www.rashtrodaymeerut.in/ पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. हर जिले में आईटी वर्कश़ॉप भी लगाई जा रही है ताकि लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना सिखाया जा सके. इस विशाल शिविर के कामयाबी में सघ के स्थानीय कार्यकर्ता कोई चूक छोडने के मूड में नहीं हैं, तभी पांच हजार विस्तारक कार्य़कर्तोओं को निकालने की योजना है. ये सभी कार्य़कर्ता कुछ निश्चित महीनों के लिए अपने घर से दूर रहकर इस कार्यक्रम की कामयाबी के लिए काम करेंगे, लोगों से मिलेंगे, उनका रजिस्ट्रेशन करवाएंगे.मेरठ के सभी जिलों में कुल 10,580 गांव हैं, जिसे संघ अधिकारियों ने छोटी बस्तियों या उपग्रामों में बांट दिया है, जिनकी संख्या 24 हजार है, कोशिश की जा रही है कि कम से कम 20 हजार गांवों से लोग इस कार्य़कर्ता समागम में हिस्सा लें. सबसे दिलचस्प बात ये है कि व्यवस्था के कार्यकर्ताओं की सूची अलग से तैयार की जा रही है, कुल 7000 कार्यकर्ता तो केवल व्यवस्था में होंगे. किचिन, ट्रांसपोर्ट, भोजन, आवास, टैंट, मीडिया, प्रचार, आवाभगत, सिक्योरिटी जैसे कई विभागों में इनकी नियुक्ति महीनों पहले ही कर दी जाएगी.
 
Inkhabar
 
हालांकि मेरठ के पुराने कार्यकर्ता तो इस तरह के कार्य़क्रमों के लिए प्रशिक्षित हैं, बीस साल पहले यानी 1998 में मेरठ संघ के 51,000 कार्यकर्ताओं का शिविर लगा चुका है, ये अलग बात है कि इस बार ये जमावड़ा पांच गुना ज्यादा का होगा. इसी के चलते स्थानीय कार्यकर्ताओं को हर पखवाड़े केन्द्रीय स्तर के अधिकारी गाइड कर रहे हैं. इस समागम के लिए जो कार्यकर्ता घर घर जाकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरवा रहे हैं, वो दो संकल्प पत्रों पर हस्ताक्षर भी ले रहे हैं. एक संकल्प पत्र पर चीनी सामान के बहिष्कार का तो दूसरे संकल्प पत्र पर नदियों के दोनों ओर हरित पट्टी विकसित करने के आंदोलन के समर्थन का. नदियों के लिए आंदोलन कर रहे गुरु जग्गी वासुदेव इसके लिए 1 अक्टूबर को मेरठ में होंगे. तो अगले साल 25 फरवरी को होने वाले विशाल समागम राष्ट्रोदय को संघ प्रमुख मोहन भागवत सम्बोधित करेंगे. सबसे खास बात है कि संघ का शिविर आमतौर पर एक दिन के ना होकर कम से कम तीन दिन के होते हैं, लेकिन चूंकि ढाई लाख लोग हैं, इसलिए ये शिविर एक ही दिन का होगा.
 
खास बात ये है कि पिछले साल यानी 2016 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ प्रांत (संघ के सिस्टम में), पूरे देश में पहला ऐसा प्रांत बना जिसकी शाखाएं हर न्याय पंचायत में लगती हैं. मेरठ के तहत मुरादाबाद और सहारनपुर मंडल आते हैं. जिनमें कुल मिलाकर 987 न्याय पंचायत हैं, इन सभी जगह संघ की टीम खड़ी होने और शाखा लगने की वजह से ये क्षेत्र संघ के केन्द्रीय अधिकारियों की नजर में आया था. एक तरह से ये विशाल स्वयंसेवक समागम की योजना भी इन आंकड़ों के सामने आने के बाद ही बनाई गई थी. एक तरह से 2018 में होली से ठीक पहले होने वाला ये विशाल संघ शिविर पूरे देश को संघ के अनुशासित कार्यकर्ताओं की ताकत दिखाएगा, और ठीक एक साल बाद होने वाले चुनावों की तैयारी के लिए एक बड़े उत्प्रेरक का काम बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए करेगा.
 

 

Tags