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पांच मिनट में पाकिस्तान और 10 मिनट में चीन को खत्म कर देगा भारत को मिलने वाला ये विमान

सुखोई प्रलंयकारी है, जगुआर विनाशकारी है और मिग है दुश्मनों का काल. गगन मे जिनकी गर्जना ही दुश्मन के दिल को खौफ से भर देती है. जिनके विनाशकारी हथियारों की बारिश पल भर में दुश्मन के ठिकाने को नेस्तानाबूत कर सकती है. आसमान में उड़ते हिंदुस्तान के जिन आसमानी योद्धाओं की ताकत अतुलनीय है.

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  • Last Updated: September 24, 2017 17:58:51 IST
नई दिल्ली: सुखोई प्रलंयकारी है, जगुआर विनाशकारी है और मिग है दुश्मनों का काल. गगन मे जिनकी गर्जना ही दुश्मन के दिल को खौफ से भर देती है. जिनके विनाशकारी हथियारों की बारिश पल भर में दुश्मन के ठिकाने को नेस्तानाबूत कर सकती है. आसमान में उड़ते हिंदुस्तान के जिन आसमानी योद्धाओं की ताकत अतुलनीय है. 
 
पाकिस्तान बॉर्डर से 105 किमी दूर हलवारा एयर बेस है. वेस्टर्न एयर कमांड का फ्रंट लाइन एयर बेस है. यहां से पांच मिनट में सुखोई पाकिस्तान में घुस सकता है. पाकिस्तान और चीन पर यहां से नजर रखी जाती है. भारत का सबसे ताकतवर फाइटर प्लेन सुखोई है. भारत के पास लगभग 200 सुखोई विमान हैं.
 
 
सुखोई की मिसाइलें बेहद घातक है, हर दिशा में मार कर सकता है. सुखोई ब्रम्होश मिसाइल भी ले जा सकता है, साथ ही 3000 किलोमीटर तक जा कर हमला कर सकता है. 2120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. सुखोई हवा में ईधन भी भर सकता है. 
 
पिचौरा मिसाइल जमीन से हवा में मार करती हैं, 25 किलोमीटर तक मार सकती हैं. एक साथ कई पिचौरा मिसाइल दागी जा सकती हैं. इन मिसाइल का निशाना अचूक है. फाइटर प्लेन अंबाला एयर बेस पर तैनात हैं. जगुआर और मिग मौजूद हैं. 1965 की लड़ाई में अंबाला एयर बेस का खास योगदान. भारत का पहला रफेल बेस अंबाला होगा. भारत और चीन की सीमा पर नजर रखी जाती है. वेस्टर्न एयर कमांड का फ्रंट लाइन एयर बेस है.
 
 
भारत का पहला रफेल बेस अंबाला होगा. फ्रांस के साथ रफेल फाइटर प्लेन का करार हुआ है, जल्द ही भारतीय वायू सेना में रफेल शामिल होने वाला है. लड़ाकू विमानों की तुलना में लंबाई-चौड़ाई कम होने के साथ ही यह भार में काफी हल्का है. हवा से जमीन और हवा से हवा में हमले के साथ परमाणु हमला करने में सक्षम है. बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है.
 
विमान में है ऑक्सीजन जेनरेशन सिस्टम, लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में खोज पोजीशन लेता है. नजदीकी मुकाबले के दौरान एक साथ कई टारगेट पर रख सकता है नजर हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है. जमीनी सैन्य ठिकाने के साथ विमानवाहक पोत से भी उड़ान भर सकता है. रफेल 28 किमी/घंटा की धीमी रफ्तार से पल भर में 2100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकता है.

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