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यशवंत सिन्हा ने गिनाई सरकार की 40 महीने की नाकामी, बोले- PM के पास मेरे लिए वक्त नहीं

अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर यशवंत सिन्हा के मोदी सरकार पर हमले जारी हैं. गुरुवार को एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले डेढ़ साल से अर्थव्यस्था में लगातार गिरावट जारी है. वह पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पिछले एक साल से वक्त मांग रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक समय नहीं दिया गया है. अपनी बात रखते हुए उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रेलमंत्री पीयूष गोयल पर भी तंज कसा.

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  • Last Updated: September 28, 2017 08:09:47 IST
नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर यशवंत सिन्हा के मोदी सरकार पर हमले जारी हैं. गुरुवार को एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले डेढ़ साल से अर्थव्यस्था में लगातार गिरावट जारी है. वह पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पिछले एक साल से वक्त मांग रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक समय नहीं दिया गया है. अपनी बात रखते हुए उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रेलमंत्री पीयूष गोयल पर भी तंज कसा.
 
सिन्हा ने कहा कि अर्थव्यस्था में गिरावट के लिए अब पिछली सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि 40 महीने सरकार में रहने के बाद हम पिछली सरकारों पर अपनी नाकामयाबी का ठीकरा नहीं फोड़ सकते. पूर्व वित्त मंत्री बोले, ‘मैंने पीएम मोदी समेत कई मंत्रियों से मिलने का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं दिया गया. साफ है, मुझे बता दिया गया कि मेरा क्या महत्व है.’
 
यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मैं बीजेपी में जीएसटी का सबसे बड़ा पक्षधर रहा हूं, उस समय मैं उस कमेटी में था. गुजरात सरकार के विरोध के बावजूद मैंने जीएसटी के काम को आगे बढ़ाया. आज जो लोग जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म बता रहे हैं, उस समय वो कहीं पर भी नहीं थे.’ इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी तारीफ की.
 
 
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मनमोहन सिंह एक बड़े अर्थशास्त्री हैं. मनमोहन सिंह की राज्यसभा में दी गई स्पीच बिल्कुल सही साबित हुई. सभी को उनकी बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए. आज बैंक कर्ज देने में हिचकते हैं. 8 लाख करोड़ रुपये एनपीए में फंसे हुए हैं. अर्थव्यवस्था धीमी है. नई नौकरियां नहीं हैं. इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को ही लेनी होगी. 
 
यशवंत सिन्हा ने केंद्रीय मंत्रियों द्वारा अपनी आलोचना पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि मैं उतना अर्थशास्त्र नहीं जानता हूं, जितना केंद्र के कुछ मंत्रियों को पता है. हो सकता है कि राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल मुझसे ज्यादा अर्थशास्त्र समझते हैं. लेकिन मैं उनके इस विचार के सहमत नहीं हूं.’

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