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जेटली का यशवंत सिन्हा को जवाब- कथित मंदी का कोई आधार नहीं, मोदी राज में व्यापार आसान

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में एक बुक लॉन्च के दौरान यशवंत सिन्हा को जवाब देते हुए कहा कि एक लोकतंत्र में वैचारिक ध्रुवीकरण हमेशा होता है. उन्होंने कहा कि कथित मंदी का कोई आधार नहीं है, मोदी राज में व्यापार करना ज्यादा आसान हुआ है.

Arun Jaitley, Yashwant Sinha, Modi Government Economy
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  • Last Updated: September 28, 2017 15:05:08 IST
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में एक बुक लॉन्च के दौरान यशवंत सिन्हा का नाम लिए बिना जवाब देते हुए कहा कि एक लोकतंत्र में वैचारिक ध्रुवीकरण हमेशा होता है. उन्होंने कहा कि कथित मंदी का कोई आधार नहीं है, मोदी राज में व्यापार करना ज्यादा आसान हुआ है. जीएसटी के आने के बाद मुझे कहा गया कि आपने यह इतनी जल्दी क्यों किया. इससे भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है. एक वक्त ऐसा था जब सरकार के फैसले भ्रष्टाचार बढ़ाते थे.
 
 
जेटली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के दूरगामी परिणाम होंगे. देश में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है और आज 4 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है. आर्थिक समझदारी हमारी प्राथमिकता है. दिल्ली के राजनैतिक भ्रष्टाचार पर काबू पा लिया गया है. हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. इस सरकार के राज में अब व्यापार करना आसान हुआ है. साथ वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के जरिए यह सुनिश्चित किया गया कि बाजार में जो बेनाम टेंडर थें उनके मालिकों की पहचान की जा सके.
 
जीएसटी पर बोलते हुए अरुण जेटली ने कहा कि जिन लोगों ने देश को पॉलिसी पैरालिसिस में भेजा उन्होंने ने इसे रोकने की बात कही. सरकार ने इस वर्ष की घोषणा की थी, हम भारत में राजनीतिक वित्तपोषण को कैसे वैध मानते हैं, इसलिए भूमिगत फंडिंग खुद खत्म हो गया है, अब ये अंतिम चरण में है. 
 
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले अप्रत्यक्ष कर के आंकड़ों में 15.7% अधिक हैं, इसलिए अर्थव्यवस्था की धीमी गति से कुछ लोगों द्वारा कल्पना की गई, यहां तक कि प्रभावित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एजेंडा बहुत साफ है. भारत में आप बिना पेमेंट के ऑल्टरनेट मेकनिज़म पर निर्भर हुए बिजनस नहीं कर सकते.
 
उन्होंने कहा कि हमने पाया कि भारत में 95 प्रतिशत निवेश ऑटोमैटिक रूट से ही आया. जेटली ने कहा कि आर्थिक समझदारी सरकार की प्राथमिकता है. मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरे पास यह लग्जरी नहीं है कि मैं एक पूर्व वित्त मंत्री से कॉलम लिखने वाला बनूं.
 
 
बता दें कि जयंत सिन्हा ने अपने लिखे गए आर्टिकल में कहा कि हम अभी क्रमबद्ध संरचनात्मक सुधार कर रहे हैं, जो कि लंबे समय के लिए हमारे लिए फायदेमंद होगा. हाल-फिलहाल के आंकड़ों को देखते हुए ऐसा कहना गलत होगा कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है. अर्थव्यवस्था के संबंध में सरकार जो बदलाव कर रही है, वह न्यू इंडिया की जरूरत है.
 
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे आर्टिकल में केंद्र सरकार पर जमकर हल्ला बोला था. उन्होंने देश की खराब अर्थव्यवस्था के लिए वित्त मंत्री अरूण जेटली को जिम्मेदार ठहराया. सिन्हा ने कहा था, नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में घी डालने का काम किया है. सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा था पीएम मोदी ने काफी करीब से गरीबी देखी है. उनके वित्त मंत्री देश की जनता को करीब से गरीबी दिखाने के लिए ओवर टाइम काम कर रहे हैं.

 

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