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Photos: महानवमी पर गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया कन्या पूजन

गोरखपुर: नवरात्रि के इस महापर्व का नौवां और आखिरी दिन है. नवमी के दिन कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है. इस अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ पर कन्या पूजन किया.    जी हां नवरात्रि के आखिरी दिन सीएम योगी ने गोरखनाथ मठ पर कन्या पूजन […]

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  • Last Updated: September 29, 2017 08:40:28 IST
गोरखपुर: नवरात्रि के इस महापर्व का नौवां और आखिरी दिन है. नवमी के दिन कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है. इस अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ पर कन्या पूजन किया. 
 
जी हां नवरात्रि के आखिरी दिन सीएम योगी ने गोरखनाथ मठ पर कन्या पूजन करते हुए कन्याओं के पैर धोते हुए आशीर्वाद लिया. सीएम योगी ने खुद इस बात की जानकारी अपने ट्विटर पेज पर दी है. 
 
सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा है कि आज उन्होंने सनातन हिन्दू धर्म में कुमारी कन्याओं का पूजन एवं सत्कार कर आदि शक्ति मां भगवती दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का पूजन किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे यह भी लिखा है कि पूजा और आरती विधि विधान से सम्पन्न करने के बाद इन कन्याओं को भोजन प्रसाद और दान-दक्षिणा देकर विदा किया गया.
 
 
महानवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. इसी दिन नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है. ऐसे में आपको कन्या पूजन से पहले हम आपको बताएंगे कि कन्या पूजन कैसे किया जाता है.
 
सबसे पहले तो आपको बता दें कि कन्या पूजन में शामिल होने वाली कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर तथा 10 वर्ष तक होनी चाहिए. पूजन में कम से कम 9 कन्या तो जरूरी हैं. इसके साथ-साथ एक बालक भी होना चाहिए जिसे हनुमानजी का रूप माना जाता है.
 
 
ऐसा मानना है कि जिस प्रकार मां की पूजा भैरव के बिना पूर्ण नहीं होती, उसी तरह कन्या-पूजन के समय एक बालक को भी भोजन कराना बहुत जरूरी होता है. यदि 9 से ज्यादा कन्या भोज पर आ रही है तो कोई आपत्ति नहीं है. उनका भी उसी तरह सत्कार करें.
 

कन्या पूजन की विधि
आप जिन-जिन कन्याओं को भोज और पूजन में शामिल करना चाहते हैं उन्हें पूजा से एक दिन पहले ही आमंत्रित कर दें क्योंकि इधर-उधर से कन्याओं को पकड़ के लाना सही नहीं होता है. घर में प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करें और मां दुर्गा के नौ नामों का जयकारा जरूर लगाएं.
 
घर आईं कन्याओं के सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना न भूले. सके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए. फिर इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. अंत में इन कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें. 

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