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लालबहादुर शास्त्री जयंती : 51 साल बाद भी नहीं सुलझी है पूर्व पीएम की मौत की गुत्थी

लालबहादुर शास्त्री की मौत को अरसा बीत चुका है. लेकिन आज तक पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है. उनकी मौत को करीब पांच दशक गुजर जाने के बाद भी रहस्य ही बनी हुई है. शास्त्री जी के बेटे सुनील शास्त्री का कहना था कि उनके पिता को जहर देकर मारा गया है. उन्होंने कहा था कि जब शास्त्री जी की बॉडी को देखा तो उनकी चेस्ट, पेट और पीठ पर नीले निशान थे. जिसे देखकर साफ लग रहा था कि उन्हें जहर दिया गया है.

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  • Last Updated: October 2, 2017 05:03:38 IST
नई दिल्ली. लालबहादुर शास्त्री की मौत को अरसा बीत चुका है. लेकिन आज तक पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है. उनकी मौत को करीब पांच दशक गुजर जाने के बाद भी रहस्य ही बनी हुई है. शास्त्री जी के बेटे सुनील शास्त्री का कहना था कि उनके पिता को जहर देकर मारा गया है. उन्होंने कहा था कि जब शास्त्री जी की बॉडी को देखा तो उनकी चेस्ट, पेट और पीठ पर नीले निशान थे. जिसे देखकर साफ लग रहा था कि उन्हें जहर दिया गया है.
 
दरअसल 11 जनवरी 1966 को भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध खत्म होने के बाद शास्त्री जी पाक सैन्य शासक जनरल अयूब खान के साथ सोवियत संघ के ताशकंद शहर में शांति समझौता करने गए थे. इसी रात देश से बाहर शास्त्री जी को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गयी. 
 
 
बताया जाता है सोवियत संघ के ताशकंद शहर में उस रात लालबहादुर शास्त्री जी को उनके पीओन ने नहीं बल्कि खाना किसी ओर ने बनाया था. उस रात शास्त्री जी ने आलू पालक और सब्जी खाई थी. उनके बेटे सुनील के अलावा बहुत से लोगों ने कहा कि निधन के बाद शास्त्री जी का शरीर नीला पड़ा गया था. जिससे कयास लगाए जाते हैं कि शास्त्री जी को रात के खाने में जहर दिया गया था.
 
लालबहादुर शास्त्री की पत्नी का मानना था कि जब मेरे पति की मौत दिल के दौरा पड़ने से हुई तो उनका शरीर नीला क्यों हो गया. हैरान करने वाली बात ये है कि शास्त्री जी के निधन के बाद उनका पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया था. तभी शास्त्री जी के परिवार ने भारत सरकार से उनकी मौत की जांच करवाने की मांग की थी.
 
 
गौरतलब है कि जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत के दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की आज 114वीं जयंती है. 

 

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