Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • निर्दलीय उम्मीदवारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस, चार हफ्ते में मांगा जवाब

निर्दलीय उम्मीदवारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस, चार हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस जारी कर पूछा क्यों न निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए साथ ही एक मतदाता एक वोट की तरह एक उम्मीदवार एक सीट पर ही चुनाव लड़े. केंद्र और चुनाव आयोग को 4 हफ्ते में जवाब देना है

Supreme Court, Election Commission, Independent candidate matter
inkhbar News
  • Last Updated: October 13, 2017 17:38:02 IST
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस जारी कर पूछा क्यों न निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए साथ ही एक मतदाता एक वोट की तरफ एक उम्मीदवार एक सीट पर ही चुनाव लड़े. केंद्र और चुनाव आयोग को 4 हफ्ते में जवाब देना है. दरअसल बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सिर्फ रजिस्टर्ड पार्टी के उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हों और जिन्हें भी चुनाव लड़ना है पहले उन्हें पार्टी रजिस्टर्ड कराना चाहिए.
 
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि एक मतदाता एक वोट की तरह एक उम्मीदवार एक सीट पर ही चुनाव लड़े. याचिका में कहा गया है कि लोकतंत्र का यही तकाजा है कि एक उम्मीदवार एक जगह से चुनाव लड़े क्योंकि दो जगहों से चुनाव जीतने के बाद एक सीट खाली करना होता है और उप चुनाव होने पर सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है और ऐसे में जनप्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को गैर संवैधानिक घोषित किया जाए जिसके तहत एक कैंडिडेट को दो सीटों से चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाती है.
 
अश्विनी उपाध्याय ने मांग की है कि सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह धारा-33 (7) को गैर संवैधानिक घोषित करे ताकि एक उम्मीदवार को दो सीटों पर चुनाव लड़ने से रोका जा सके. इससे पैसे और लोगों के समय की बर्बादी है और उपचुनाव के कारण पब्लिक के पैसे पर बोझ पड़ता है. ऐसा वोटरों के लिए भी अन्याय है. जिन्होंने सोच समझकर अपने प्रतिनिधि का चयन किया था. याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर उम्मीदवार दो जगह से चुनाव लड़ा है और जीतने की उम्मीद के बाद एक जगह की सीट खाली करता है तो उसे वहां होने वाले उप चुनाव का सारा खर्च उठाना पड़े.
 
 

Tags