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रिजर्व बैंक बोला- किंतु-परंतु नहीं चलेगा, बैंक खाते से आधार कार्ड को 31 दिसंबर तक जोड़ना ही होगा

31 दिसंबर, 2017 वो तारीख है जिससे पहले आपको अपने बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ लेना होगा.

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  • Last Updated: October 21, 2017 16:38:25 IST
नई दिल्ली. बैंक में खाता है तो उसमें आपको अपना आधार कार्ड का नंबर डलवाना ही होगा. बैंक खातों से आधार नंबर को जोड़ने का जो मैसेज आपके मोबाइल पर बार-बार बैंकों से आ रहा है, उसका पालन नहीं करेंगे तो बैंक में जमा पैसा निकालना तब तक नहीं हो पाएगा जब तक आप आधार कार्ड को अपने खाते से ना जोड़ लें. 31 दिसंबर, 2017 वो तारीख है जिससे पहले आपको अपने बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ लेना होगा. सोशल मीडिया पर उड़ रही तमाम अटकलों के बीच शनिवार और भाई दूज की छुट्टी के दिन भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन लाइन का एक बयान जारी करके साफ कर दिया है कि बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है और कानून का पालन सबको करना ही होगा.
 
सबसे पहले आप भारतीय रिजर्व बैंक के आज के तीन लाइन के बयान को हिन्दी में पढ़ लें. “सूचना का अधिकार कानून के तहत एक आवेदन पर दिए गए जवाब के आधार पर मीडिया में ये खबर आई है कि बैंक खातों से आधार को जोड़ना अनिवार्य नहीं हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ये स्पष्ट करता है कि 1 जून, 2017 को सरकार के गजट में प्रकाशित धन-शोधन निवारण (अभिलेखों का अनुरक्षण) दूसरा नियम, 2017 के मुताबिक उन सबके लिए बैंक खातों से आधार नंबर को जोड़ना अनिवार्य है जिन पर ये नियम लागू होता है. इन नियमों की वैधानिक ताकत है और बैंकों को बिना अगले निर्देश का इंतजार किए इसका पालन करना है.” दरअसल, सरकार ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 में संशोधन किया था जिसके बाद बैंक खातों से आधार कार्ड को जोड़ना जरूरी हो गया है.
 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार में बैंक खाते को आधार से जोड़ने का काम ना रोकें
 
दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार ने काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान में नए बैंक खाते खोलने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने पैन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने का भी फैसला किया है ताकि कोई आदमी एक से ज्यादा पैन कार्ड रखकर टैक्स ना चुरा सके. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि आधार कार्ड अवैध नहीं है और निजता का अधिकार सार्वभौम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर फैसला आना बाकी है कि आधार कार्ड को अनिवार्य करना कानूनी है या गैर-कानूनी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के इंतजार में बैंक खाते को आधार से जोड़ने का काम नहीं रोकें क्योंकि सरकारी गजट के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने आदेश जारी किया है और बैंक उसके हिसाब से 31 दिसंबर के बाद आधार कार्ड की जानकारी नहीं देने वाले खाते से लेन-देन रोक देंगे.
 
 
बैंक खाते को आधार से जोड़ने की छूट सिर्फ छोटे खाता वालों को है, छोटे खाता मतलब…
 
ऐसा नहीं है कि आधार कार्ड और बैंक खाते को जोड़ने का आदेश नहीं मानने पर सारे खाते 31 दिसंबर के बाद काम करना बंद कर देंगे. सरकार ने छोटे खातों को इस आदेश से छूट दी है. छोटे खातों का मतलब ऐसे खाते जिनमें पूरे साल 1 लाख से ज्यादा रुपया जमा नहीं होता है, हर महीने खाते से निकाले या ट्रांसफर की जाने वाली रकम 10 हजार से ज्यादा नहीं होती और खाते में जमा कभी भी 50 हजार से ऊपर नहीं जाता है. बस ऐसे खाते ही इस आदेश की मार से बचेंगे अगर वो आधार कार्ड नहीं जोड़ते हैं. बाकी बैंक खाते बैंक वाले 31 दिसंबर के बाद सस्पेंड कर देंगे. यानी पैसा रहते भी आप ना उसे निकाल पाएंगे और ना ही किसी को भेज पाएंगे.
 
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