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इंफ्रास्टक्चर पर सरकार का लक्ष्य, 5 साल में 34 हजार किमी सड़क बनाने की योजना: वित्त मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के सामने सरकार की आर्थिक समीक्षा की. इससे पहले आज सरकार ने अगस्त और सितंबर में जीएसटीआर-3बी को भरने में देरी की वजह से लगी लेट फीस को वापस लौटाने का एलान किया.

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  • Last Updated: October 24, 2017 11:16:03 IST
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के सामने सरकार की आर्थिक समीक्षा की. इससे पहले आज सरकार ने अगस्त और सितंबर में जीएसटीआर-3बी को भरने में देरी की वजह से लगी लेट फीस को वापस लौटाने का एलान किया. वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि अगर आपने लेट फीस भरी है तो आपके अकाउंट में वो लेट फीस का अमाउंट वापस आ जाएगा. वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस
 
बैंकिग सुधार के बारे में हम अगले कुछ महीनों में घोषणाएं करेंगे- वित्त मंत्री, जीएसटी पर राहुल गांधी के बयान का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा- 2जी और कोल स्कैम करने वाले वैध कर से डरे हुए हैं. एनपीए को सालों तक छुपाकर रखा गया, 2015 के बाद इसमें पारदर्शिता आई- वित्त मंत्री, सरकार के भारत माला मिशन के तहत 34,800 किलोमीटर तक सड़कें बनाई जाएगी. इसके अलावा 9000 किलोमीटर तक इकनॉमिक कॉरिडोर बनाया जाएगा. साथ ही फीडर रूट 6000 किलोमीटर तक बनाए जाएंगे. 5000 किलोमीटर तक नेशनल कॉरिडोर बनाया जाएगा. सरकार ने रोड़ बनाने की ऐतिहासिक परियोजना बनाई है जिसके तहत 83,677 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी जिसकपर 6.92 लाख करोड़ रूपये का खर्च आएगा. 
 
जीएसटी लागू होने से भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिली है. बहुत जल्द इसका प्रभाव नजर आएगा. सरकार के बजट का एक बड़ा खर्च इंफ्रास्टक्चर पर खर्च हो रहा है. इस साल कुल 3.09 लाख करोड़ रूपये का बजट है. आने वाले सालों में ये बजट और बढ़ सकता है.  हमारी जीडीपी 5.7 फीसदी है लेकिन तीन साल बाद अगर आप अनुमान लगाएंगे तो ये 7.5 फीसदी होगी. हाल ही में आईएमएफ ने माना है कि भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बहुत तेजी से बढ़ रही है. हमारा चालू खाता घाटा भी कम हो रहा है. पहली तिमाही में इसमें मामूली इजाफा हुआ था लेकिन बाद में इसमें कमी आ रही है. 2014 के बाद महंगाई में कमी आई है. पिछले तीन सालों में महंगाई का आंकड़ा 5 फीसदी के आसपास रहा- सुभाष गर्ग
 
ये तय है कि जब कोई बड़ा बदलाव होता है तो उसका असर धीरे-धीरे होता है. लॉन्ग टर्म में उसका फायदा नजर आता है. देश आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है. भारत माला प्रोजेक्ट- प्रोजेक्ट का 70 फीसदी खर्च सरकार उठाएगी, 30 फीसदी प्राइवेट इनवेस्टमेंट, दस हजार किमी तक सड़क बनाने में 4 करोड़ दिनों का रोजगार मिलेगा. बॉर्डर और तटीय इलाकों को जोड़ेगा- अशोक क्लवासा

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