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महाकालेश्वर मंदिर के नियमों में फेरबदल, RO के पानी से होगा भोलेनाथ का जलाभिषेक

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के नियमों में बदलाव किया गया है. महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने भस्म आरती को लेकर जो भी नए नियम बनाए हैं उनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन के 8 सुझावों पर अमल करते हुए हरी झंडी दिखा दी है.

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  • Last Updated: October 27, 2017 10:46:25 IST
उज्जैन : उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के नियमों में बदलाव किया गया है. महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने भस्म आरती को लेकर जो भी नए नियम बनाए हैं उनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन के 8 सुझावों पर अमल करते हुए हरी झंडी दिखा दी है. आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि नए नियमों के अनुसार, मंदिर में शाम पांच बजे तक शिवलिंग का जलाभिषेक कर सकेंगे. केवल इतना ही नहीं, जलाभिषेक के लिए RO (आरओ) पानी का ही इस्तेमाल किया जाएगा. भक्त भोलेनाथ पर आधा लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ा सकेंगे. 
 
भोलेनाथ की आरती के बाद शिवलिंग को सूती कपड़े से ढंकना भी जरूरी कर दिया गया है, फिलहाल अभी तक केवल 15 दिनों के लिए शिवलिंग को आधा ढका जाता था, अभिषेक के लिए हर श्रद्धालु को 1.25 दूध या पंचामृत चढाने की इजाजत होगी. शिवलिंग पर शुगर पाउडर लगाने की इजातत नहीं होगी बल्कि खांडसारी के इस्तेमाल को बढावा दिया जाएगा. मंदिर में नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जाएंगे और बेल पत्र व फूल पत्ती शिवलिंग के ऊपरी भाग में चढेंगे ताकि शिवलिंग के पत्थर को प्राकृतिक सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो.
 
हर शाम पांच बजे के बाद अभिषेक पूरा होने के बाद शिवलिंग की पूरी सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी, अभी तक सीवर के लिए चल रही तकनीक चलती रहेगी क्योंकि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बनने में एक साल लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ASI, जियोलाजिकल और याचिकाकर्ता को आपत्ति या सुझाव देने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया है. बता दें कि महाकाल मंदिर और शिवलिंग को क्षति से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को हो रहे नुकसान की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया था. वीडियो में देखें पूरा शो
 
 
 

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