Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • गर्भपात के लिए किसी महिला को पति के इजाजत की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

गर्भपात के लिए किसी महिला को पति के इजाजत की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

देश की सर्वोच्च अदावत ने गर्भपात को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. जी हां सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब किसी भी महिला को गर्भपात कराने के लिए अपने पति की इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है.

Abortion, Supreme Court, Supreme Court on Abortion, National News, Hindi News
inkhbar News
  • Last Updated: October 28, 2017 05:23:12 IST
नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदावत ने गर्भपात को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. जी हां सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब किसी भी महिला को गर्भपात कराने के लिए अपने पति की इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है. यानि अब कोई भी महिला बिना अपने पति की सहमति से गर्भपात करवा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक बालिक महिला को बच्चे को जन्म देने या गर्भपात कराने का फैसला लेने का पूरा अधिकार है.
 
कोर्ट ने आगे कहा कि किसी भी बालिक महिला के लिए यह जरूरी नहीं है कि गर्भपात का फैसला वह पति की इजाजत के बाद ही ले. दरअसल, एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से अलग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की थी. इस शख्स ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए पूर्व पत्नी और उसके माता-पिता, भाई और दो डॉक्टरों में पर अवैध गर्भपात कराने का आरोप लगाया था. उसने अपनी याचिका में आगे यह भी कहा था कि उसकी पत्नी और डाक्टरों ने उसकी इजाजत के बगैर गर्भपात कराया है.
 
इससे पहले याचिकाकर्ता ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि गर्भपात कराने का फैसला पूरी तरह से महिला का हो सकता है. इसके बाद इस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायक की. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुरक्षित रखते हुए इस पर अपनी मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला एक वयस्क हैं और वह मां हैं. ऐसे में अगर वह बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती हैं तो उन्हें गर्भपात कराने का पूरा अधिकार है. इसके लिए महिला के माता-पिता और डॉक्टर को किस आधार पर जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?
 

Tags