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जम्मू-कश्मीर में लगे आर्टिकल 35A पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के आग्रह को मंजूर करते हुए सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी थी.

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  • Last Updated: October 30, 2017 03:49:59 IST
नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में लगे आर्टिकल 35A को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (सोमवार को) सुनवाई करेगा. इससे पहले 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के आग्रह को मंजूर करते हुए सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी थी. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अनुच्छेद 35-ए मामले पर सुनवाई करेगा. माना जा रहा है कि इस मसले पर कोर्ट कोई बड़ा फैसला दे सकता है. मगर इससे पहले ही घाटी में विरोध की आवाजें उठने लगीं हैं. इसे लेकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अनुच्छेद 35-ए को लेकर गहमागहमी मची हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इसे लेकर रविवार को खुली चेतावनी दी है. हुर्रियत ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अनुच्छेद 35-ए के खिलाफ आता है तो घाटी में इसके खिलाफ विद्रोह किया जाएगा. अनुच्छेद 35-ए राज्य के रुप में जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार देता है. यही वजह है कि कश्मीर की अवाम से लेकर सियासतदां अब 35-ए को चुनौती के विरोध में नजर आ रहे हैं.
 
क्या है आर्टिकल 35A
14 मई 1954 को भारत के संविधान में एक नया आर्टिकल 35A जोड़ा गया. जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को ये अधिकार मिला है कि वो तय करे कि राज्य का स्थायी नागरिक कौन है और उसे क्या-क्या सुविधा और अधिकार मिलेंगे. आर्टिकल के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से बाहर का कोई भी व्यक्ति न तो जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी कर सकता है, न ही भूमि, मकान आदि जैसी संपत्ति खरीद सकता है. 
  
 
क्यों चर्चा में है आर्टिकल 35A
असल में इस आर्टिकल के खिलाफ We the Citizen ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए तीन जजों वाली एक बेंच का गठन कर दिया है. 
 
महिला संगठन आर्टिकल 35A के खिलाफ
कुछ महिला संगठन 35 ए के खिलाफ हैं क्योंकि अगर वो ऐसे लड़के से शादी करती हैं जो राज्य का स्थायी नागरिक नहीं है तो उनके बच्चे को राज्य की स्थायी नागरिकता नहीं मिलती. जबकि अगर लड़के ऐसी लड़की से शादी करें जो स्थायी नागरिक ना हो तो भी उनके बच्चे को स्थायी नागरिकता मिलती है. 
 
वहीं जम्मू कश्मीर के बिगड़े हालात और हिंसा की घटनाओं के बीच सीएम महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि अगर यहां के लोगों के विशेषाधिकार से वंचित किया गया तो जम्मू कश्मीर में तिरंगा पकड़ने वाला कोई नहीं मिलेगा. सीएम मुफ्ती ने कहा कि, ‘हम संविधान के तहत कश्मीर मुद्दा को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग शांति को भंग करने में लगे हैं.’  सीएम महबूबा मुफ्ती एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘मेरी पार्टी और अन्य पार्टियां जम्मू कश्मीर में तमाम समस्या के बावजूद हाथों में तिरंगा रखते हैं, मुझे यह कहने में तनिक भी संदेह नहीं है अगर (अनुच्छेद 35 ए) में कोई भी बदलाव किया गया तो कोई भी तिरंगा थामने वाला हाथ नहीं होगा’.
 

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