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भारत पाक युद्ध के दौरान जब पाक की कब्जा की जमीन पर जा पहुंचीं इंदिरा गांधी

प्रधानमंत्री चाहे नेहरू रहे हों या शास्त्रीजी, इंदिरा गांधी सुपर प्राइम मिनिस्टर की तरह थीं. उनको अपने करिश्मे का बखूबी अंदाज था, पब्लिक के बीच अपनी लोकप्रियता का भी और कांग्रेस पार्टी में अपनी ताकत का भी.

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  • Last Updated: November 5, 2017 07:06:59 IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री चाहे नेहरू रहे हों या शास्त्रीजी, इंदिरा गांधी सुपर प्राइम मिनिस्टर की तरह थीं. उनको अपने करिश्मे का बखूबी अंदाज था, पब्लिक के बीच अपनी लोकप्रियता का भी और कांग्रेस पार्टी में अपनी ताकत का भी. तभी तो नेहरू के वक्त में भी उन्होंने तमाम नेशनल-इंटरनेशनल मुद्दों पर अपनी बात मनवाई और शास्त्रीजी के समय भी कभी कभी वो भूल जाती थीं कि पीएम कौन है औऱ उन्हें देशहित में जो ठीक लगता था, वो करती थीं. ऐसा ही एक वाकया भारत पाक युद्ध के दौरान 1965 में हुआ.
 
भारत पाक युद्ध के दौरान इंदिरा श्रीनगर में थीं, वो युद्ध खत्म होने तक वहीं रुकी रहीं. इतना ही नहीं वो बॉर्डर पर जवानों से मिलने तो पहुंची ही, मना करने के बावजूद हैलीकॉप्टर से हाजी पीर दर्रे पर भी जा पहुंची, जिसे भारतीय सेना ने कब्जा  किया था. ये पाकिस्तान की जमीन थी, जिसे बाद में भारत ने लौटा दिया था.
 
उनकी बॉर्डर पर मौजूदगी ने भारतीय जवानों और अधिकारियों का जोश दोगुना कर दिया. ऐसे में शास्त्रीजी की कुशल लीडरशिप की तो दुनियां चर्चा करती है लेकिन इंदिरा ने कैसे बीच जंग में बॉर्डर पर सैनिकों का जोश बढाया इसकी चर्चा कोई नहीं करता.
 
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