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ब्रिटेन से किडनी डोनेट करने आया 60 वर्षीय मामा, बचा ली भांजे की जान

नई दिल्‍ली: 60 वर्षीय मामा ने अपने 30 साल के भांजे को एक नई जिंदगी दी है. अपने प्यारे भांजे को किडनी डोनेट करने के लिए मामा ब्रिटेन से भारत आए. मामा ने भांजे पर अपने प्‍यार का एक ऐसा कर्ज चढ़ा दिया है जो शायद ही कभी चुकता कर पाएंगे. मामा का नेक दिल […]

maternal uncle gave kidney to nephew
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  • Last Updated: April 8, 2023 10:41:21 IST

नई दिल्‍ली: 60 वर्षीय मामा ने अपने 30 साल के भांजे को एक नई जिंदगी दी है. अपने प्यारे भांजे को किडनी डोनेट करने के लिए मामा ब्रिटेन से भारत आए. मामा ने भांजे पर अपने प्‍यार का एक ऐसा कर्ज चढ़ा दिया है जो शायद ही कभी चुकता कर पाएंगे. मामा का नेक दिल देखकर लोग तारीफ करते थक नहीं रहे हैं. ब्रिटेन में रहने वाले मामा एक आईटी एडवाइजर हैं और उसका नाम विनय थवैत है. भोपाल में रहने वाले भांजे का नाम आशुतोष गुप्‍ता है जो विनय थवैत की बड़ी बहन का इकलौता बेटा है. पेरेंट्स के किडनी मैच नहीं होने के बाद जब मामा ने टेस्‍ट कराया तो पता चला कि भांजे के लिए किडनी परफेक्‍ट मैच है. इसके बाद मामा विनय थवैत 7,000 किमी दूर ब्रिटेन से भारत में अपने भांजे आशुतोष को किडनी डोनेट करने के लिए आए।

2019 में फेल हो गई थी किडनी

इंवेस्‍टमेंट बैंकिंग सेक्‍टर में काम करने वाले आशुतोष गुप्‍ता की 2019 में किडनी फेल हो गई थी. इसके बाद करीब 4 साल तक आशुतोष का नियमित चेकअप होता रहा, लेकिन इस बीच रिस्‍क बहुत ज्‍यादा था. इसके बाद पिछले साल दिसंबर में उम्‍मीद की किरण बनकर विनय थवैत सामने आया और उन्‍होंने अपनी बहन से कहा कि दीदी चिंता मत करिए मैं किडनी डोनेट करने अस्‍पताल जाऊंगा. इसके बाद विनय के चेकअप होने पर भांजे की किडनी से परफेक्‍ट मैच हो गया और मार्च में ट्रांसप्‍लांट के लिए वह ब्रिटेन से दोबारा भारत आए. भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्‍लांट हुआ और अस्‍पताल से 28 मार्च को मामा-भांजे दोनों को राहत मिली।

कोरोना काल में परिवार की स्थिति हुई खराब

कोरोना महामारी में लोगों की तरह ही आशुतोष और उनके परिवार की भी स्थिति खराब हो गई. कोरोना काल के दौरान आशुतोष घर से काम कर रहे थे. उनके कॉरपोरेट इंश्‍योरेंस ने मेडिकल के पूरा खर्च उठाया. इसमें डोनर के मेडिकल चेकअप भी शामिल थे. शुरू में परिवार ने इस बात पर भी चर्चा की थी कि ट्रांसप्‍लांट के लिए ब्रिटेन में रहने वाले मामा विनय के पास आशुतोष जाएंगे, लेकिन बाद में यह तय हुआ कि ट्रांसप्‍लांट के लिए विनय ही भारत में आ जाएंगे।

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