नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को खुश करने की कोशिशें लगातार जारी हैं. सातवें वेतन आयोग (7th Pay commission) के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए और डीआर में बढ़ोतरी करने के बाद अब राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों को लुभाने के लिए तरह-तरह की घोषणाएं की हैं. हालांकि, ये घोषणाएं आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही की गई हैं. इसी कड़ी में एक और खबर आ रही है कि हरियाणा सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत अपने नॉन टीचिंग और टीचिंग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ा दी है.
हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने बताया है कि हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें नॉन टीचिंग और टीचिंग कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की बात कही गई है. वित्त मंत्री ने बताया है कि सातवें वेतन आयोग के तहत राज्य सरकार के नॉन टीचिंग और टीचिंग कर्मचारियों के पेंशन में भी बढ़ोतरी की संभावना है.
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने बताया है कि वित्त विभाग ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत पिछले साल जनवरी में ही सहायता प्राप्त स्कूलों के टीचिंग और नॉ टीचिंग स्टाफ के वेतनमान में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति जता दी थी. अब इन संशोधनों के आधार पर इन कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की जाएगी. साथ ही इनकी पेंशन स्कीम्स में भी संशोधन होने हैं.
मालूम हो कि पेंशन भोगियों को पेंशन में बढ़ोतरी का लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलेगा. हरियाणा के वित्त मंत्रालय की मानें तो सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर टीचिंग और नॉन टीचिंग कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करने से राज्य सरकार पर करीब 50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.