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7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए इन आयकर पहलुओं को जानना है जरूरी

7th Pay Commission, 7th CPC Latest News: सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए कई बदलाव किए हैं और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को भी मंजूरी दी है. साथ ही सातवें सीपीसी के तहत एक नया सातवें वेतन आयोग पे मैट्रिक्स को मंजूरी दी गई थी. ये बेहद सरल और पारदर्शी है. इससे कर्मचारियों को समझना भी जरूरी हो गया है कि उनका सातवां वेतन कितना है.

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  • Last Updated: January 25, 2019 08:01:59 IST

नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC Latest News: लोकसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए सरकार उससे पहले अपने कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश में जुटी है. सरकार कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें भी मान रही है. इसके अलावा 7th CPC के तहत सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी भी की है. इससे सरकारी कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार की तरह देखा जा रहा है. बता दें कि सातवें सीपीसी के तहत एक नए सातवां वेतन आयोग पे मैट्रिक्स को मंजूरी दी गई थी, जो बहुत ही सरल और पारदर्शी रखा गया. अब इसी के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी हैं कि वो जाने कि उनका सातवां वेतन कितना है.

  1. वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के तहत 16 प्रतिशत वेतन बढ़ाया गया वहीं पेंशनभोगियों के लिए ये 23.63 प्रतिशत बढ़ा. इनके अलावा सातवें वेतन आयोग के तहत ही भत्ते में भी बदलाव किए गए हैं. ये बदलाव हाउस रेंट अलाउंस, महंगाई भत्ता और ट्रैवलिंग अलाउंस में किए गए हैं. लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानता हैं कि इन भत्तों पर लगाए गए कुछ टैक्स भी कम कर दिए गए हैं. इसलिए आईटीआर के लिए दावे या दाखिल करने में सतर्क रहना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है.
  2. मकान किराया भत्ता X, Y, Z शहरों के लिए 24 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तय किया गया है. X, Y, Z शहरों के लिए ये भत्ता 5400 रुपये, 3600 रुपये और 1800 रुपये से कम नहीं होना चाहिए. पहले यह न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये का 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत था. साथ ही कहा गया है कि जब महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत पहुंच जाएगा तब मकान किराया भत्ता में फिर बदलाव किए जाएंगे क्योंकि पहले बदलाव तब किए गए थे जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत तक पहुंचा था.
  3. मकान किराये भत्ते में सभी राशि पर टैक्स छूट नहीं है. विशेष रूप से मकान किराया भत्ता आपके मूल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है. ये मूल वेतन का 50 प्रतिशत मेट्रो शहरों में रहने वालों के लिए और 40 प्रतिशत गैर-मेट्रो क्षेत्रों में रहने वालों के लिए होता है. आप टैक्स लाभ के रूप में कम से कम राशि का दावा कर सकते हैं.
  4. पिछले साल सरकार ने महंगाई भत्ते को पिछले 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया था. बता दें कि सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों दोनों को ही महंगाई भत्ते पर टैक्स देना होता है. कर्मचारियों को दिया जाने वाला ये महंगाई भत्ता वेतन के साथ पूरी तरह से टैक्स योग्य है. साथ ही आयकर अधिनियम यह भी सिफारिश करता है कि वेतन के साथ महंगाई भत्ते को रिटर्न में घोषित किया जाना चाहिए.

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