नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग सरकार से कर रहे हैं. हालांकि सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है. नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी शुरू हो गया है. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार अपने बजट में उनके लिए कुछ अहम फैसले लेगी जिसका फायदा सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा. संभावना है कि इस बार सरकार के बजट में सरकारी कर्मचारियों को अच्छी खबर मिलेगी.
नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हो गया है और जुलाई की शुरुआत में सरकार 2019-20 के लिए अपना बजट पेश करेगी. संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करके बड़े ऐलान कर सकती है. दरअसल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की जाए. उनकी मांग है कि वर्तमान में दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन को 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 26 हजार रुपए किया जाए. साथ ही मांग है कि फिटमेंट फेक्टर को बढ़ाया जाए.
हाल ही में नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री कार्यभार संभाला है. पद का चार्ज संभालने के बाद उन्हें ब्रीफिंग भी दी गई. कहा जा रहा है इसमें केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की मांग पर भी चर्चा की गई. बता दें कि पिछली सरकार के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही संकेत दिए थे कि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर फैसला लेने पर विचार कर ररही है. हालांकि उस समय लोकसभा चुनाव 2019 के कारण कोई फैसला नहीं लिया जा सका. अब कहा जा रहा है कि सरकार अपने उन्हीं फैसलों पर दोबारा विचार करके घोषणा कर सकती है.
बता दें कि सरकार द्वारा वेतन वृद्धि की घोषणा होने के बाद लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. वहीं सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि कर्मचारियों को खास इन्सेंटिव दिया जाएगा. ये इन्सेंटिव उन कर्मचारियों को दिया जाना है जो अपने काम और पद से जुड़ी आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं. जो कर्मचारी उच्च शैक्षणिक डिग्री हासिल करना चाहते हैं उन्हें इन्सेंटिव दिया जाएगा.