7th Pay Commission: कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों के लिए बुरी खबर सामने आई है. दरअसल खबर है कि मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रमोशन पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. होम डिपार्टमेंट ने पुलिसकर्मयों के प्रमोशन की फाइन को पुलिस हेडक्वार्टर वापस भेज दिया है. सरकार के इस फैसले से करीब 70 हजार पुलिसकर्मियों का प्रस्तावित प्रमोशन नहीं होगा. बता दें कि पुलिसकर्मचारियों की सैलरी में तो इजाफा होता रहा है लेकिन वर्ष 2016 के बाद से कोई प्रमोशन नहीं मिला है.
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसल का सबसे ज्यादा असर उन पुलिसकर्मियों पर ज्यादा पड़ेगा जिनकी रिटायरमेंट की तारीख नजदीक है. अगर वह रिटायरमेंट से पहले प्रमोशन पा जाएंगे तो उनके वेतन में यानी पे स्केल में बदलाव हो सकता है. कमलनाथ सरकार के जाने के बाद नई भाजपा सरकार के आने पर राज्य के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस हेडक्वार्टर में अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में अधिकारियों ने प्रमोशन का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था.
मंत्री के आश्वासन के बाद अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर होम डिपार्टमेंट को भेजा था. डिपार्टमेंट ने लॉ एंडल लीगल अफेयर डिपार्टमेंट में भेज दिया. एक महीने गुजर चुका है और अब लॉ एंड लीगल अफेयर डिपार्टमेंट गृह विभाग और पुलिस हेडक्वार्टर को फाइल लौटा दी है. कहा जा रहा है कि अगर पुलिस में प्रमोशन किया जाता है तो राज्य के अन्य विभागों के कर्मचारी भी इसकी मांग कर सकते हैं.
कोरोना संकट में एक ज्यादा विभाग के कर्मचारियों को प्रमोशन देना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है. आम तौर पर कांस्टेबल को 8 साल सेवा देने का बाद हेड कांस्टेबल के रूप में प्रमोट किया जाता है. इसी तरह कुछ वर्षों की नौकरी के बाद हेड कांस्टेबल सहायक उप निरीक्षक बन जाते हैं और बाद में निरीक्षक बन जाते हैं.