नई दिल्ली। 21वीं शताब्दी के अंत तक भारत में धार्मिक आबादी कैसी होगी, हिंदू पहले जैसे बहुसंख्यक रहेंगे या फिर कोई बड़ा बदलाव होगा? ये सवाल अक्सर लोगों के ज़ेहन में आते रहते हैं। खासकर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग ये सवाल बार-बार पूछते हैं कि क्या भविष्य में भारत में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे? सोशल मीडिया पर इन सवालों के इर्द-गिर्द कई सारी अफवाहें उड़ती रहती हैं। कई लोग दावा करते हैं कि साल 2100 आते-आते भारत मुस्लिम बाहुल देश हो जाएगा, वहीं कई लोगों का दावा रहता है कि हिंदू अगले सैकड़ों वर्षों तक भारत में बहुसंख्यक बने रहेंगे।
बता दें कि प्यू रिसर्च सेंटर नाम की एक संस्था दुनिया की धार्मिक आबादी का लेखा-जोखा रखती है। प्यू रिसर्च सेंटर ने एक रिपोर्ट में साल 2100 में भारत की धार्मिक आबादी कैसी होगी, इसका आंकड़ा पेश किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2100 में भारत की आबादी करीब 153 करोड़ होगी। ये दुनिया के किसी भी मुल्क में रहने वाले सबसे ज्यादा लोगों की संख्या होगी।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2100 में भी हिंदू भारत में बहुसंख्यक होंगे। देश की आबादी में हिंदुओं की संख्या 77 फीसदी होगी। वहीं, मुस्लिमों की संख्या करीब 18 प्रतिशत होगी। हिंदू और मुस्लिम मिलकर भारत की आबादी में 95 फीसदी की हिस्सेदारी रखेंगे। बाकी बची 5 प्रतिशत जनसंख्या में ईसाई, सिख और बौद्ध होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक 2100 में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी भारत में होगी।
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