Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है. पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और किसानों को तारबंदी के पार गेहूं की फसलों को 48 घंटे में काटकर खेत खाली करने का सख्त आदेश दिया है. अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, पठानकोट और फाजिल्का जिलों में गुरुद्वारों के माध्यम से ऐलान करवाए जा रहे हैं कि समयसीमा में फसल नहीं काटी गई तो सीमा पर गेट बंद कर दिए जाएंगे. इस आदेश ने सीमावर्ती गांवों में दहशत और अनिश्चितता पैदा कर दी है और लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि क्या आने वाले दिनों में कोई बड़ा सैन्य कदम उठाया जा सकता है.
पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले जिसमें 26 लोगों की जान गई. इसके बाद बीएसएफ ने पंजाब की 553 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया. किसानों को निर्देश दिए गए कि वे तारबंदी के पार (भारतीय क्षेत्र में ही) अपनी फसलों को तुरंत काट लें. बीएसएफ ने स्पष्ट किया कि 48 घंटे की समयसीमा के बाद गेट बंद हो सकते हैं. जिसके बाद खेतों में प्रवेश मुश्किल होगा. नतीजतन किसान कंबाइन मशीनों के साथ दिन-रात फसल कटाई में जुट गए हैं. फिरोजपुर के किसान जसविंदर सिंह ने कहा हमारी पूरी साल की कमाई इस फसल पर निर्भर है. समय कम है लेकिन हम रात-दिन काम कर रहे हैं.
पठानकोट से फाजिल्का तक सीमा पर बीएसएफ और सेना की गतिविधियां तेज हो गई हैं. बीएसएफ ने गश्त बढ़ा दी है और क्विक रिएक्शन टीमें (क्यूआरटी) सक्रिय कर दी हैं. किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं. ग्रामीणों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी असामान्य गतिविधि की तत्काल सूचना बीएसएफ या पुलिस को दें. अमृतसर के रोरांवाला खुर्द गांव में गुरुद्वारे से ऐलान किया गया. बीएसएफ के आदेशानुसार तारबंदी के पार की फसल दो दिन में काट लें, वरना गेट बंद हो जाएंगे. यह स्थिति 2016 की याद दिलाती है. जब सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी सीमावर्ती गांवों को खाली करवाया गया था.
फिरोजपुर का कालू वाला गांव जो तीन तरफ सतलुज नदी और एक तरफ पाकिस्तान सीमा से घिरा है. सबसे ज्यादा प्रभावित है. ग्रामीणों का कहना है कि भारत-पाक तनाव के दौरान उनका गांव सबसे पहले खाली करवाया जाता है. स्थानीय निवासी बलदेव सिंह ने बताया हमें डर है कि जल्द ही गांव खाली करने का आदेश आ सकता है. पहले भी ऐसा हो चुका है. 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पंजाब के सीमावर्ती गांवों में 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था. इस बार भी ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कठोर कदम उठाए हैं. जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन और पाकिस्तानी राजनयिकों का निष्कासन शामिल है. पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में शिमला समझौते को निलंबित किया और भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि बीएसएफ का यह आदेश सीमा पर संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी का हिस्सा हो सकता है. रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (रिटायर्ड) अजय ठाकुर ने कहा फसलों को हटाने का आदेश सैन्य गतिविधियों के लिए खेतों को खाली करने का संकेत हो सकता है ताकि किसी आपात स्थिति में बाधा न आए.
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