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Uniform Civil Code : प्रधानमंत्री मोदी का एक बयान और मुस्लिम संगठन ने आधी रात को बुला ली मीटिंग

नई दिल्ली: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद UCC यानी सामान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. बीते दिन पीएम मोदी ने भोपाल में अपने संबोधन के दौरान UCC को लेकर कई टिप्पणियां की जिसके कुछ घंटों बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. […]

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  • Last Updated: June 28, 2023 10:21:27 IST

नई दिल्ली: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद UCC यानी सामान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. बीते दिन पीएम मोदी ने भोपाल में अपने संबोधन के दौरान UCC को लेकर कई टिप्पणियां की जिसके कुछ घंटों बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इमरजेंसी बैठक बुलाई. ऑनलाइन रूप से हुई इस आपातकालीन बैठक में बोर्ड द्वारा प्रस्तावित कानून का विरोध करने और लॉ कमीशन के आगे अपना पक्ष अधिक सशक्त ढंग से रखने पर सहमति बनी. इसके अलावा शरीयत कानूनों का ड्राफ्ट लॉ कमीशन को सौपने का भी फैसला लिया गया.

इन मुद्दों पर बनी सहमति

एक समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार UCC को लेकर पीएम मोदी के बयानों पर कई प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने बयान दिए हैं. इसमें से मौलाना खालिद राशिद फरंगी भी एक हैं जो बोर्ड के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का AIMPLB पुरजोर तरीके से विरोध करेगा. पूरी मजबूती से AIMPLB द्वारा लॉ कमिशन के सामने अपनी बात रखी जाएगी और प्रस्तावित कदम का मुकाबला करने की रणनीति बनाई जाएगी.

UCC को बताया चुनावी मुद्दा

वह आगे कहते हैं कि पिछले कई सालों से राजनेता चुनाव से ठीक पहले ये मुद्दा उठाते रहे हैं. 2024 के चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर ये मुद्दा सामने आया है. UCC ने केवल मुसलामानों बल्कि देश के अन्य धर्मों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों को भी प्रभावित करेगा. वह आगे कहते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां 100 किलोमीटर की दायरे पर भाषा बदल जाती है ऐसे में सभी समुदायों के लिए एक सामान कानून किस तरह बनाया जा सकता है?

 

संविधान का दिया हवाला

मौलाना ने आगे संविधान का हवाला देते हुए कहा कि देश के हर नागरिक को अपनी आस्था और जीवन शैली का पालन करने की स्वतंत्रता है. उसे ऐसा करने से रोकने के लिए सरकार कानून किस तरह से बना सकती है?