Aaj Ka Mausam: देश के अधिकतर राज्यों में जून की तपिश भरी गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। घर से बाहर निकलते ही तपिश भरी गर्मी से शरीर जलने लगता है। पसीने से पूरा शरीर भीग जाता है। गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बारिश की दुआ कर रहे हैं, लेकिन आसमान से एक बूंद भी पानी का नहीं गिर रहा है। मौसम विभाग ने अब जो खबर दी है वो राहत भरी है।निजी मौसम वेबसाइट स्काईमेट वेदर के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री जबरदस्त रही है और 26 मई तक यह देश के 35% हिस्से को कवर कर चुका था, जो सामान्य तिथि से काफी पहले है। हालांकि, इसके बाद यह पश्चिमी और पूर्वी दोनों दिशाओं में रुक गया है।
पश्चिमी तट पर मानसून मुंबई से आगे नहीं बढ़ा और पूर्वी भारत में यह बालुरघाट, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग तक ही सीमित रहा। आमतौर पर 15 जून तक मानसून पूरे पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में फैल जाता है, लेकिन इस बार इसमें थोड़ी देरी हुई है। 14 जून के आसपास उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक नया मानसून सिस्टम बनने जा रहा है। यह एक चक्रवाती परिसंचरण होगा जो अगले 48 घंटों में और मजबूत हो जाएगा। यह सिस्टम ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए राजस्थान की सीमा तक पहुंचेगा। इस रास्ते पर यह कई राज्यों में बारिश की गतिविधियों को तेज करेगा।
मानसून के आने से पहले ही हवाओं की दिशा बदलकर पूरब की ओर हो जाएगी, जो मानसून की एक आम पहचान है। हालांकि, मुख्य बारिश 16 जून के बाद ही शुरू होगी। पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में 16 से 18 जून के बीच अच्छी मानसूनी बारिश होगी। आधिकारिक तौर पर इन राज्यों में मानसून के इन तारीखों पर पहुंचने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही यह सिस्टम पश्चिम की ओर बढ़ेगा, यह मानसून की धारा को और फैला देगा। इसके बाद 19 से 21 जून के बीच मानसून छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश को कवर कर लेगा। इसके बाद सप्ताह के अंत तक यानी जून के आखिरी सप्ताह में मानसून की धारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी और उत्तरी मध्य प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी राजस्थान तक पहुंचने की संभावना है। यानी जून के आखिर से बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है।