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सिर्फ चार साल की नौकरी, कोई पेंशन नहीं.. जानें क्यों हो रहा अग्निपथ योजना का विरोध

नई दिल्ली, देश की सशस्‍त्र सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्‍कीम का ऐलान किया है, युवाओं को सेना से जोड़ने और सशस्‍त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए इस स्कीम को लाया गया है, लेकिन अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सबसे ज्यादा यूपी और बिहार […]

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  • Last Updated: June 16, 2022 18:15:21 IST

नई दिल्ली, देश की सशस्‍त्र सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्‍कीम का ऐलान किया है, युवाओं को सेना से जोड़ने और सशस्‍त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए इस स्कीम को लाया गया है, लेकिन अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सबसे ज्यादा यूपी और बिहार में इस योजना का विरोध हो रहा है, इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि वे सेना में भर्ती के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं फिर इतनी मेहनत करके अगर सिर्फ चार साल की नौकरी मिलेगी तो फिर इतनी मेहनत का क्या फायदा ?

योजना से असंतुष्ट हैं युवा ?

केंद्र सरकार, राज्य सरकार भले ही ये कह रही है कि विभिन्न मंत्रालयों, अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन युवा इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनकी सबसे बड़ी चिंता यही है कि चार साल बाद उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा तब वे क्या करेंगे. ये छात्र इन बातों से भी नाराज हैं कि सेना की अबतक जो भर्ती प्रक्रिया चली आ रही थी, उसके तहत अब भी कई ऐसे लोग हैं जिनका फिजिकल होने के बावजूद उन्हें सेना की नौकरी नहीं मिली है.

स्कीम का विरोध क्यों कर रहे युवा?

बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं, उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा. फिर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है.

देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र बेहद गुस्से में नजर आए. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए या इसमें बदलाव करने चाहिए. वहीं, अन्य लोगों का ये भी कहना है कि वे चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद वे लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए वे लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.

 

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