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Ahmedabad Plane Crash: भगवत गीता, 70 तोला सोना… राख के ढेर से और क्या-क्या मिला? हैरान करने वाला है चश्मदीद का दावा

Ahmedabad Plane Crash: भीषण हादसे के बाद जब एयर इंडिया का विमान आग की लपटों में घिरा हुआ था और उसमें 241 जिंदगियां जल रही थीं, तब 56 साल के एक शख्स ने बिना वक्त गंवाए हिम्मत और इंसानियत दिखाई। इस शख्स का नाम राजू पटेल था। इस शख्स ने भावुक होते हुए  घटना के […]

Ahmedabad Plane Crash
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  • Last Updated: June 17, 2025 17:28:40 IST

Ahmedabad Plane Crash: भीषण हादसे के बाद जब एयर इंडिया का विमान आग की लपटों में घिरा हुआ था और उसमें 241 जिंदगियां जल रही थीं, तब 56 साल के एक शख्स ने बिना वक्त गंवाए हिम्मत और इंसानियत दिखाई। इस शख्स का नाम राजू पटेल था। इस शख्स ने भावुक होते हुए  घटना के बाद की पूरी बात बताई। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शख्स ने बताया कि कि उनकी टीम के पास स्ट्रेचर नहीं थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। घायलों को उठाने के लिए साड़ियों और चादरों का इस्तेमाल किया गया। हमारे पास जो कुछ भी था, हमने उसका इस्तेमाल किया। हमें बस इतना पता था कि हमें जान बचानी है।

उन्होंने यह भी बताया कि जली हुई जमीन पर फैले सामान, जले हुए बैग और टूटी चीजों के बीच उन्हें 70 तोला सोने के जेवर, 80 हजार रुपये नकद, कई पासपोर्ट और एक भगवद गीता मिली। इन सभी चीजों को तुरंत पुलिस को सौंप दिया गया।

हादसे के बाद फौरन टीम के साथ मौके पर पहुंचे

आपको बता दें कि राजू पटेल एक कंस्ट्रक्शन कारोबारी हैं। वह दुर्घटनास्थल से कुछ ही मिनटों की दूरी पर थे। जैसे ही उन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के क्रैश होने की खबर मिली, वह तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वे महज पांच मिनट में वहां पहुंच गए। शुरुआती 15 से 20 मिनट तक तो हम मलबे के पास भी नहीं जा पाए। पटेल ने बताया कि आग बहुत भयानक थी। लेकिन जैसे ही पहली फायर ब्रिगेड और 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची, हम बचाव कार्य में जुट गए।

मलबे में काफी सामन मिला

अधिकारियों ने पटेल और उनकी टीम को रात 9 बजे तक मौके पर रहने दिया। जब आपातकालीन सेवाओं ने स्थिति संभाली, तो पटेल की टीम ने मलबे की तलाशी शुरू की। पटेल ने बताया कि इस दौरान उन्हें वहां काफी सामान भी मिला, जिसे तुरंत पुलिस को सौंप दिया गया। राजू पटेल पहले भी आपदाओं के दौरान लोगों की मदद कर चुके हैं। उन्होंने 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दौरान भी राहत कार्यों में हिस्सा लिया था। उस भयावह घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं सिविल अस्पताल से महज 100 मीटर की दूरी पर था, जब वहां बम विस्फोट हुआ। लेकिन इस बार की तबाही… यह आग… मैं इसे कभी नहीं भूल पाऊंगा।

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लोग राजू पटेल ‘सच्चे हीरो’

राजू पटेल और उनकी टीम की इस पहल को आम लोग सोशल मीडिया पर ‘सच्चा हीरो’ कहकर सम्मानित कर रहे हैं। कई नागरिक संगठनों ने भी उनके योगदान की सराहना की है और भविष्य में आपातकालीन सेवाओं में शामिल होने का न्योता दिया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने रविवार को कहा कि बरामद सभी निजी वस्तुओं का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है और उन्हें मृतकों के परिवारों को सौंप दिया जाएगा। पटेल जैसे नागरिकों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों की भूमिका अमूल्य है।

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