America Attack on Iran: अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इस हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने X पर लिखा, “हमने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। हाल ही में हुई तनातनी पर गहरी चिंता जताई। आगे बढ़ने के लिए तुरंत तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति का आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता की जल्द बहाली के बारे में बात की।”
दरअसल, पिछले कई दिनों से ईरान और इजराइल के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दोनों तरफ से लगातार मिसाइल हमले किए जा रहे हैं। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच अमेरिका भी इसमें शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले गुरुवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजराइल का साथ देने के बारे में दो सप्ताह में फैसला लेंगे। हालांकि, उन्होंने महज दो दिन में ही फैसला ले लिया और अमेरिका इजराइल के अभियान में शामिल हो गया और रविवार तड़के ईरान पर हमला कर दिया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी हमलों से ईरान को कितना नुकसान हुआ है।
Spoke with President of Iran @drpezeshkian. We discussed in detail about the current situation. Expressed deep concern at the recent escalations. Reiterated our call for immediate de-escalation, dialogue and diplomacy as the way forward and for early restoration of regional…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2025
अमेरिकी हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्रालय ने यह प्रतिक्रिया दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामिक रिपब्लिक में तीन परमाणु ठिकानों पर हमला करके ईरान के खिलाफ ही खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है। एक बयान के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा, “दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका ने चल रही कूटनीतिक प्रक्रिया के बीच इजराइल जैसे नरसंहारकारी और अराजक शासन का समर्थन करके कूटनीति के साथ विश्वासघात किया है।” इसमें आगे कहा गया है, “अब, ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए उल्लंघनों और अपराधों की श्रृंखला को पूरा करके, अमेरिका ने खुद ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध शुरू कर दिया है। ईरान को अमेरिकी सैन्य हमले और इस दुष्ट शासन द्वारा किए गए अपराधों का दृढ़ता से मुकाबला करने और अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।”