नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका ने शोक जताया हैं। उन्होंने भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। अमेरिका ने कहा कि डॉ. मनमोहन अमेरिका – भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे महान समर्थकों में से एक थें।
भारत की आर्थिक विकास को गति दी
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बयान जारी कर कहा संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी। अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया। डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिसने भारत के तेज़ आर्थिक विकास को गति दी। हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को एक साथ लाने के उनके समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।
अमेरिका के साथ परमाणु समझौता
साल 2008 में अमेरिका के साथ हुए असैन्य परमाणु समझौते में उनका बहुत बड़ा योगदान था। इस समझौते ने अमेरिका के साथ भारत के समग्र संबंधों को बदल दिया था। इसने विशेष रूप से भारत-अमेरिका के बीच परमाणु ऊर्जा अनुसंधान के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी और रक्षा के क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने का रास्ता खोल दिया था। उससे पहले साल 2005 जुलाई में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ मनमोहन सिंह की वार्ता के बाद भारत और अमेरिका ने घोषणा की कि वे असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
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