Foreign Exchange Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने जानकारी दी है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 688.13 बिलियन पर पहुंच गया है। 25 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में लगातार 8वें हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस हफ्ते 1.98 बिलियन डॉलर की बढ़त देखी गई है।

रिकॉर्ड हाई टाइम से नीचे

हालांकि यह आंकड़ा अभी भी सितंबर 2024 के 704.88 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर से थोड़ा नीचे है। लेकिन रुझान को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत की विदेशी मुद्रा स्थिति फिर से मजबूत हो रही है। इस वृद्धि के पीछे सबसे बड़ा योगदान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) का रहा, जो 2.17 बिलियन डॉलर बढ़कर 580.66 बिलियन डॉलर हो गई है। मालूम हो कि FCA में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राएं भी शामिल हैं और इनका मूल्यांकन भी इसमें उतार-चढ़ाव करता है।

सरकार के पास नहीं है उधार

वहीं इस सप्ताह स्वर्ण भंडार में 207 मिलियन डॉलर की गिरावट आई है और अब यह 84.36 बिलियन डॉलर पर आ गया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास उनसे कोई उधार नहीं है। राज्यों को दिए जाने वाले कर्ज में कमी आई है। यह 36,792 करोड़ रुपये से घटकर 22,324 करोड़ रुपये रह गया है। अगर मार्च 2025 से अब तक की अवधि की बात करें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कुल 19.80 बिलियन डॉलर यानी 1.67 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

1 साल में इतनी हुई बढ़ोतरी

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए, गोल्ड, एसडीआर और आईएमएफ की स्थिति ने मिलकर सकारात्मक योगदान दिया है। अगर एक साल की अवधि देखें तो 26 अप्रैल 2024 से लेकर अब तक 5.61 लाख करोड़ यानी 50.21 बिलियन डॉलर की बढ़त देखी गई है। इससे पता चलता है कि भारत की बाहरी आर्थिक स्थिति मजबूत है।

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