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हरियाणा: कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते हैं, पहले जेब ढीली कीजिए

नई दिल्ली: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने टिकट चाहने वाले नेताओं के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। पार्टी ने उम्मीदवारों के लिए 5,000 से 20,000 रुपये तक की आवेदन फीस तय की है। इस कदम का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और संगठित बनाना है, ताकि केवल गंभीर और […]

Application fee fix for getting election ticket of Congress in Haryana
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  • Last Updated: July 3, 2024 16:23:24 IST

नई दिल्ली: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने टिकट चाहने वाले नेताओं के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। पार्टी ने उम्मीदवारों के लिए 5,000 से 20,000 रुपये तक की आवेदन फीस तय की है। इस कदम का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और संगठित बनाना है, ताकि केवल गंभीर और योग्य उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतरें। अनुसूचित जाति और महिलाओं के लिए फीस में छूट प्रदान की गई है, जिससे सामाजिक न्याय और समानता को भी प्रोत्साहन मिलेगा। आइए, इस नई व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।

फीस का विवरण

सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए: कांग्रेस ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 20,000 रुपये की आवेदन फीस तय की है। यह फीस पार्टी के कार्यालय में जमा करनी होगी।

अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए: अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को 5,000 रुपये की आवेदन फीस देनी होगी। वे सामान्य सीटों के लिए भी इसी फीस के साथ आवेदन कर सकते हैं।

महिलाओं के लिए: महिला उम्मीदवारों के लिए भी आवेदन फीस 5,000 रुपये निर्धारित की गई है। यह फीस सभी प्रकार की सीटों पर लागू होगी।

फीस जमा करने की प्रक्रिया

कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि आवेदन फीस नकद जमा नहीं होगी। इसके बजाय, उम्मीदवारों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनाकर देना होगा। टिकट मिले या ना मिले, आवेदन फीस वापस नहीं की जाएगी।

आवेदन की अंतिम तिथि और फार्म

आवेदन फार्म 5 जुलाई से चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में उपलब्ध होंगे। उम्मीदवारों को 31 जुलाई तक आवेदन करना होगा।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि टिकट उन्हीं उम्मीदवारों को दिया जाएगा जो पार्टी के आंतरिक सर्वे में चुनाव जीतने की स्थिति में होंगे। यह नीति लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी लागू की जाएगी। लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में अधिक उम्मीदवार होने की संभावना है। इससे पार्टी को फंड इकट्ठा करने में भी मदद मिलेगी।

पार्टी का मानना है कि आवेदन फीस की व्यवस्था से वास्तव में चुनाव लड़ने के इच्छुक और गंभीर उम्मीदवार ही सामने आएंगे। कांग्रेस का यह कदम चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाने का प्रयास है। उम्मीद है कि इससे योग्य और वास्तविक नेता ही चुनाव मैदान में उतर सकेंगे और पार्टी को भी वित्तीय रूप से मजबूती मिलेगी।

 

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