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अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था, आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान बोला सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए चार साल से अधिक का समय हो चुका है। हालांकि, इसे निरस्त किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई सारी याचिकाएं दायर की गईं। सुप्रीम कोर्ट सोमवार (11 नवंबर) को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना […]

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  • Last Updated: December 11, 2023 11:28:16 IST

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए चार साल से अधिक का समय हो चुका है। हालांकि, इसे निरस्त किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई सारी याचिकाएं दायर की गईं। सुप्रीम कोर्ट सोमवार (11 नवंबर) को अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना रहा है।

अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था

चीफ जस्टिस ने कहा कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए थे, तभी जम्म-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई. वह भारत के तहत हो गया. साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है. अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था है.

राष्ट्रपति शासन पर क्या बोले चीफ जस्टिस?

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने उस दौरान राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन पर फैसला नहीं लिया है. स्थिति के अनुसार राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. अनुच्छेद 356 में राष्ट्रपति को शक्तियां हासिल हैं. उसे चुनौती नहीं दी जा सकती है.