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Muslim Marriage Act: असम सरकार ने रद्द किया मुस्लिम विवाह और तलाक कानून

नई दिल्ली। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को विधानसभा से मंजूरी के बाद अब असम ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है। बता दें कि असम में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून 1930 को रद्द कर दिया गया है। हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने इस कानून को निरस्त करने का निर्णय […]

Himanta Biswa Sarma
inkhbar News
  • Last Updated: February 24, 2024 08:00:44 IST

नई दिल्ली। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को विधानसभा से मंजूरी के बाद अब असम ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है। बता दें कि असम में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून 1930 को रद्द कर दिया गया है। हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने इस कानून को निरस्त करने का निर्णय शुक्रवार (24 फरवरी) की रात को लिया।

कैबिनेट से मिली मंजूरी

सीएम हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान इस पर मुहर लग गई है। कैबिनेट मंत्री जयंत बरुआ ने इसको समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की ओर एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने पहले ही एलान किया था कि असम एक समान नागिक संहिता लागू करेगा और आज हमने मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण कानून को निरस्त करने का अहम फैसला किया है।

असम में बाल विवाह पर लगेगी रोक

देर रात, सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “23.2.2024 को, असम कैबिनेट ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह तथा तलाक पंजीकरण अधिनियम को रद्द करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की इजाजत देने वाले प्रावधान शामिल थे। उन्होंने कहा कि ये कदम असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।