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Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 11 Written Updates: अयोध्या मामले में हुई 11वें दिन की सुनवाई, जानिए निर्मोही अखाड़ा की दलीलों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 11 Written Updates: सुप्रीम कोर्ट आज यानी शुक्रवार को 11वें दिन अयोध्‍या राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुनवाई हुई. निर्मोही अखाड़ा की ओर से वकील सुशील जैन ने अपना पक्ष रखा और दलीले पेश की. सुशील जैन ने कहा कि वह मालिकाना हक का दावा नहीं कर रहे सिर्फ पूजा प्रबंधन का अधिकार और कब्जा मांग रहे हैं. सोमवार को भी निर्मोही अखाड़ा के तरफ से कोर्ट में बहस जारी रहेगी.

SC Hearing In Ayodhya Land Dispute Case Day 6 Written Updates
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  • Last Updated: August 23, 2019 23:06:37 IST

नई दिल्ली. Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 11 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज 11वें दिन की सुनवाई शुरू हुई. निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन ने जिरह करते हुए कहा कि भगवान राम की मूर्ति की स्थापना राम जन्मभूमि में हुई थी, और ये अयोध्या में है. बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं. पूरा विवाद 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर है.

सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर चर्चा हुई कि अखाड़ा मालिकान हक का दावा कर रहा है या केवल सेवादार होने का ?

जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने पूछा आपके पास बाहरी आंगन आपके कब्ज़ा में था, मैनेजमेंट और भगवान आपके कब्ज़े अधिकार में हैं.

निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन ने कहा कि मैं ‘सेवादार’ के रूप में प्रबंधन का दावा कर रहा हूं और मालिकाना हक के रूप में नहीं, एक सेवादार के रूप में भूमि का अधिकार मेरे पास है. सुशील कुमार जैन ने कहा कि मैं एक सेवादार के रूप में हक की वकालत कर रहा हूं.

जस्टिस बोबडे ने पूछा कि मुसलमानों ने वक्फ का इस्तेमाल किया है

निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन कि मैं वक्फ संपत्ति का दावा सेवादार के तौर पर कर रहा हूं, वक्फ शब्द का अर्थ ईश्वर को दान है और उसका संबंध केवल मुसलमानों से ही नहीं है, इस लिहाज से मंदिर पर निर्मोही अखाड़ा का अधिकार है.

जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या आप सूट 5 खारिज करने की बात रहे हैं? आप एक ऐसी संस्था के सेवादार कैसे बन सकते हैं जिसका सूट आप खारिज करना चाहते हैं? इस पर निर्मोही अखाड़ा की तरफ से वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन कहा कि सूट 5 मन्दिर के रखरखाव के लिए नहीं है

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने पूछा क्या आप सूट नम्बर 1 के दावे को स्वीकार कर रहे हैं? इस पर सुशील कुमार ने कहा हां, मेरे सेवादार के अधिकारों को हिंदू पक्ष ने चुनौती नहीं दी है. हम शुरू से इस मंदिर के लिए लड़ रहे हैं.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने 2010 के फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जमीन को तीन पक्षों, सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर हिस्‍सों में बांटने का फैसला दिया था. सोमवार को भी निर्मोही अखाड़ा के तरफ से कोर्ट में बहस जारी रहेगी.

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