Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Ayodhya Case Molding of Relief in Supreme Court: अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर किस पक्षकार ने क्या कहा, पढ़ें पूरा अपडेट

Ayodhya Case Molding of Relief in Supreme Court: अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर किस पक्षकार ने क्या कहा, पढ़ें पूरा अपडेट

Ayodhya Case Molding of Relief in Supreme Court, Ram Mandir Babri Masjid Zameen Vivad: अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सभी पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर लिया है. हिंदू पक्ष की ओर से रामलला विराजमान, राम जन्भूमि पुनरुद्धार समिति, निर्मोही अखाड़ा, गोपाल सिंह विशारद, हिंदू महासभा ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने की बात कही. हालांकि हिंदू पक्षकारों के भीतर जमीन बंटवारे को लेकर अलग-अलग मत देखे गए. वहीं मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल मोल्डिंग ऑफ रिलीफ में विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद बनाने की बात कही. इसी तरह शिया वक्फ बोर्ड ने भी विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने की बात कही.

Sri Aurobindo Ashram New Letter In Ayodhya Ram Mandir Babri Case
inkhbar News
  • Last Updated: October 19, 2019 14:27:10 IST

नई दिल्ली. अयोध्या जमीन विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सभी पक्षकारों ने अपने जवाब दाखिल कर दिए हैं. हिंदू पक्ष की ओर से रामलला विराजमान ने पूरी विवादित जमीन राम मंदिर को देने और मुस्लिम पक्ष और निर्मोही अखाड़ा को एक भी हिस्सा नहीं देने की बात कही. वहीं हिंदू महासभा और रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की बात कही. मुस्लिम पक्ष की ओर से सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि सभी पक्षकारों की दलील और दावे सुनने के बाद बेंच संविधान के अनुच्छेद142 और CPC के रूल 7 (7) के तहत कोर्ट अपने विवेक से समुचित न्याय करे. सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद बनाने की बात पर काबिज है. वहीं निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि विवादित भूमि पर मन्दिर बनाने के साथ ही रामलला की सेवा पूजा और व्यवस्था की जिम्मेदारी का अधिकार हो. साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रहने की बात भी कही. आइए पॉइंट्स में जानते हैं कि किस पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर दाखिल जवाब में क्या कहा.

हिंदू महासभा मने राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए कहा-
– हिन्दू महासभा ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दिया और कहा कि राम मंदिर के निर्माण पर पूरे मंदिर की व्यवस्था के लिए सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट बनाए.
-सुप्रीम द्वारा नियुक्त एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा हो.
-इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करे.

मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति का जवाब-
– राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया और कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर बने.
– मंदिर के प्रसाशन के लिए एक ट्रस्ट के गठन किया जाए.

रामलला विराजमान ने पूरी जमीन राम मंदिर को देने की बात कही-
– रामलला विराजमान ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सारा क्षेत्र राम मंदिर के लिए उसे दिया जाए.
– निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर मुस्लिम पक्ष का जवाब-
– मुस्लिम पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सुप्रीम कोर्ट में सील बंद नोट दाखिल किया.
– सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष ने कहा कि उन्हें वही राहत चाहिए जो उन्होंने बहस के दौरान कही थी.
– वकील राजीव धवन ने बहस के दौरान कहा था कि उन्हें विध्वंस से पहले की बाबरी मस्जिद चाहिए. यानी विवादित जगह पर बाबरी मस्जिद चाहिए.

सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड की ओर से दाखिल नोट पर बोले वकील शाहिद रिजवी-
– रिजवी ने बताया कि 8 पेज के नोट में कोर्ट से कहा गया है कि सभी पक्षकारों की दलील और दावे सुनने के बाद बेंच संविधान के अनुच्छेद142 और CPC के रूल 7 (7) के तहत कोर्ट अपने विवेक से समुचित न्याय करे.
– हमने अपने नोट में पहले अदालतों में आए सिविल सूट मामलों में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के जरिए न्यायाधीशों के फैसलों को नजीर के तौर पर भी लिखा है.

मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर निर्मोही अखाड़े का क्या कहना है-
– निर्मोही अखाड़े ने भी मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के लिए लिखित नोट दाखिल किया
– रामलला या किसी भी हिन्दू पक्षकार के पक्ष में डिक्री होने पर अपने सेवायत अधिकार के बरकरार रखे जाने की बात कही
– विवादित भूमि पर मन्दिर बनाने के साथ ही रामलला की सेवा पूजा और व्यवस्था की जिम्मेदारी का अधिकार हो
– इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रहने और मुस्लिम पक्ष की ओर से वहां कोई निर्माण ना करने के इरादे जता दिए जाने के बाद कोर्ट मुस्लिम पक्ष को निर्देश दे कि वो अपने हिस्से की भूमि अखाड़े को लंबी अवधि के पट्टे पर दे ताकि वहां रामलला का भव्य मन्दिर बन सके.
– इस सूरत में कोर्ट मुस्लिम पक्ष को 77 एकड़ अधिग्रहित भूमि से बाहर मस्जिद के लिए समुचित भूमि उपलब्ध कराने का आदेश सरकार को दे.

गोपाल सिंह विशारद ने कहा उन्हें राम जन्मभूमि पूजा का अधिकार-

– मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर गोपाल सिह विशारद ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया
– विशारद की तरफ से कहा गया कि राम जन्मभूमि पर पूजा करना उनका संवैधानिक अधिकार है
– राम जन्मभूमि को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है.

शिया वक्फ बोर्ड ने कहा विवादित जमीन पर मंदिर बने-

– मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर शिया वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया
– शिया वक्फ बोर्ड ने कहा विवादित ज़मीन पर भगवान श्रीराम का मंदिर बने,
– बोर्ड ने कहा कि ज़मीन पर मालिकाना हक़ सुन्नी वक्फ बोर्ड का नही, बल्कि शिया वक़्फ़ बोर्ड का है.
-ऐसे में हाईकोर्ट ने एक हिस्सा जो सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया है उसे हिन्दू पक्ष को दिया जाए.

Also Read ये भी पढ़ें-

अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुस्लिम पक्ष के एजाज मकबूल का साझा बयान, कहा- मध्यस्थता के दौरान समझौता नहीं किया

योध्या मामले पर हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जवाब, रामलला विराजमान ने कहा- पूरी जमीन राम मंदिर के लिए दी जाए, मुस्लिम पक्ष की बाबरी मस्जिद बनाने की मांग

Tags