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Azam khan: रामपुर जेल मे बंद आजम खान की पत्नी से नहीं मिल सकी बहन, बेटे से मुलाकात कर हो गई भावुक

नई दिल्लीः जिला कारागार में सात साल की सजा काट रही डॉ तजीन फात्मा से मिलने के लिए आजम की बहन और भांजा पहुंचे। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी लेकिन आजम के बेटे अदीब ने अपनी मां से भेंट की। आधे घंटे तक चली मुलाकात के बाद वो जेल से […]

Azam khan: रामपुर जेल मे बंद आजम खान की पत्नी से नहीं मिल सकी बहन, बेटे से मुलाकात कर हो गई भावुक
inkhbar News
  • Last Updated: November 12, 2023 16:11:15 IST

नई दिल्लीः जिला कारागार में सात साल की सजा काट रही डॉ तजीन फात्मा से मिलने के लिए आजम की बहन और भांजा पहुंचे। हालांकि जेल प्रशासन ने उन्हें मुलाकात की इजाजत नहीं दी लेकिन आजम के बेटे अदीब ने अपनी मां से भेंट की। आधे घंटे तक चली मुलाकात के बाद वो जेल से बाहर आए। बेटे के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में सजा काट रही आजम खां की पत्नी डॉ तजीन फात्मा से शनिवार को उनके बड़े बेटे अदीब ने मुलाकात की। जेल प्रशासन ने आजम की बहन को उनसे मिलने की आज्ञा नहीं दी। जिससे वह नाराज नजर आईं।

 

बेटे के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में सपा नेता आजम खां, उनकी पत्नी डॉ तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को अदालत ने सात साल की सजा सुना है। बता दें कि तजीन रामपुर, आजम सीतापुर और अब्दुल्ला हरदोई जेल में बंद हैं। शनिवार को जिला कारागार में डॉ तजीन फात्मा से मिलने के लिए उनके बड़े बेटे अदीब आजम, ननद निकहत बेगम और भांजे फरहान खां आए थे। जेल प्रशासन ने अदीब को तो मिलने की अनुमति दे दी, लेकिन ननद और भांजे को मिलने से रोक दिया। जेल प्रशासन ने कहा कि उन दोनों का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ है। भांजे फरहान ने कहा कि वह तजीन के मुकदमों के पैरोकार भी हैं, इसलिए मिलने की इजाजत मिलनी चाहिए। साथ ही उनका रिश्ता भी है।

हर किसी मिलने की इजाजत नहीं

जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने जानकारी दी कि डॉ. तजीन फात्मा संवेदनशील कैदी हैं। इसलिए उनके मामले में सतर्कता बरती जा रही है। डॉ तजीन की ओर से परिवार के 10 लोगों की लिस्ट दी गई है। इसी सूची के मुताबिक ही उनकी मुलाकात कराई जा रही है। यदि कोई इस लिस्ट से बाहर का व्यक्ति मिलने आता है तो उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराना होता है। इस सूची में केवल अदीब का ही नाम था। तो उनकी भेंट कराई गई। अन्य दोनों लोगों का नाम नहीं था तो उन्हें नहीं मिलने दिया गया।