योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। हमदर्द कंपनी के मशहूर पेय पदार्थ रूह अफजा को लेकर की गई टिप्पणी अब उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी का कोई कानूनी या नैतिक बचाव नहीं किया जा सकता।
बाबा रामदेव पर आरोप है कि उन्होंने एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान हमदर्द कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि रूह अफजा से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में किया जा रहा है। इस बयान को लेकर हमदर्द कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और इसे समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाला बताया।
कोर्ट में हमदर्द की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि देश में पहले से मौजूद सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ाने वाला है। उन्होंने इसे नफरत फैलाने वाले भाषण की श्रेणी में बताया और कहा कि इस तरह के बयानों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण नहीं मिल सकता।
दिल्ली हाईकोर्ट ने रामदेव की टिप्पणी को लेकर कहा कि यह मामला अदालत की अंतरात्मा को झकझोरने वाला है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी बातों की कोई माफी नहीं हो सकती। साथ ही रामदेव की ओर से पेश वकील को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। यह पूरा विवाद 3 अप्रैल को शुरू हुआ जब बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करते हुए यह कहते नजर आए कि रूह अफजा से होने वाली कमाई का इस्तेमाल धार्मिक स्थलों के निर्माण में किया जाता है, जबकि पतंजलि का शरबत भारतीय शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देता है। उन्होंने इसे ‘शरबत जिहाद’ करार दिया था। अब देखना होगा कि कोर्ट इस मामले में आगे क्या रुख अपनाता है।
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