नई दिल्ली। पाकिस्तान की कराची जेल में सजा काट रहे भारतीय मछुआरे बाबू की मौत हो गई। बाबू की सजा पूरी होने के बाद भी उसे कराची जेल से रिहाई नही दी गई। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मछुआरे की पहचान बाबू के रूप में हुई है। गुरुवार को उसकी मौत हो गई। इससे पहले भी कराची जेल में पाकिस्तान ने भारतीय मछुआरे की जान ली है।
सूत्रों ने बताया कि वह पिछले दो साल में पाकिस्तान में जान गंवाने वाला आठवां भारतीय मछुआरा है। इस संबंध में एक सूत्र ने बताया, “बाबू को पाकिस्तानी अधिकारियों ने 2022 में गिरफ्तार किया था। उसकी सजा पूरी होने और उसकी भारतीय नागरिकता की पुष्टि होने के बावजूद उसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने रिहा नहीं किया।” सजा पूरी कर चुके 180 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेल से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।
भारत लगातार पाकिस्तान के समक्ष कैदियों की जल्द रिहाई का मुद्दा उठाता रहा है। यह पहली घटना नहीं है जब पाकिस्तानी कैद में किसी भारतीय मछुआरे की इस तरह से मौत हुई हो। इससे पहले अप्रैल 2024 में महाराष्ट्र के मछुआरे विनोद लक्ष्मण कोल की भी कराची जेल में मौत हो गई थी। कोल को अक्टूबर 2022 में पाकिस्तानी जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने दिसंबर 2024 में जारी बयान में कहा कि कुल 209 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। इनमें से 2021 से 51, 2022 से 130, 2023 से नौ और 2024 में 19 मछुआरे कैद हैं। पिछले दस सालों में 2,639 भारतीय मछुआरे पाकिस्तान से भारत वापस भेजे गए हैं।
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