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बैसाखी महोत्सव बना ज्योति मल्होत्रा के लिए टर्निंग प्वाइंट, कोरोना से फंसी मुसीबत में और ट्रैवल ब्लॉगर बनकर करने लगी जासूसी

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा इन दिनों सुर्खियों में है. जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह सहयोग नहीं कर रही है और बार बार अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दे रही है. इस बीच ज्योति को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं.

Jyoti Malhotra & Danish
inkhbar News
  • Last Updated: May 20, 2025 10:50:13 IST

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा इन दिनों सुर्खियों में है. जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह सहयोग नहीं कर रही है और बार बार अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दे रही है. इस बीच ज्योति को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. सिख धर्म के प्रमुख स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा और उसमें फंसे पेंच को सुलझाने के लिए एक व्यक्ति से मुलाकात ने उसे जासूस बना दिया. एक ट्रैवल व्लॉगिंग के रूप में उभरा ज्योति मल्होत्रा का केस अब डिजिटल युद्ध तब्दील हो गया है.

धार्मिक यात्रा में हरकीरत ने की ज्योति की मदद

अभी तक की छानबीन के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान नौकरी चली जाने के बाद ज्योति ने दिल्ली में रहकर कई छोटे-मोटे काम किए. उसके बाद उसने व्लॉग बनाने का काम शुरू किया. इस काम में उसे धीरे धीरे सफलता मिलने लगी. ज्योति ने साल 2023 में 324वें बैसाखी महोत्सव के दौरान पहली बार पाकिस्तान की यात्रा की कोशिश कर रही थी इस यात्रा में ज्योति को कुछ दिक्कत आ रही थी, इसी सिलसिले में वह  हरकीरत सिंह से मिली जिसने उसकी सहायता की. हरकीरत सिंह एक समन्वयक हैं, जो आधिकारिक गलियारे के जरिए तीर्थयात्री समूहों को पाकिस्तान ले जाने का काम करता है.  जांच एजेंसियों को संदेह है कि हरकीरत ज्योति जैसे लोगों को पाकिस्तान के लोगों से मिलवाने का काम करता है.

ज्योति ऐसे बनी जासूस

जब ज्योति 2023 में बैसाखी यात्रा के लिए मंजूरी पाने में विफल रही, तो उसकी मुलाकात पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिक कवर के तहत काम करने वाले एहसान उर्फ दानिश नाम के व्यक्ति से कराई गई. ज्योति द्वारा पाकिस्तान यात्रा के लिए वीजा एक्सटेंशन हासिल करने की कोशिश इस जांच में एक अहम मोड़ साबित हुई. एहसान उर्फ दानिश राजनयिक कवर के तहत काम करता था, लेकिन भारतीय एजेंसियों को शक था कि वह आईएसआई के लिए काम कर रहा है.

दानिश की भूमिका स्ट्रेटेजिक इन्फॉर्मेशन ऑपरेशन में शामिल करने के लिए ज्योति एक आसान टारगेट थी. उसने ज्योति की मदद की। जांचकर्ताओं का कहना है कि एहसान और उसकी टीम ने ज्योति को कंटेंट आइडिया और मैसेजिंग का सुझाव दिया. दानिश ने कहा कि ज्योति को पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करनी चाहिए. साथ ही भारतीय नीति को छोटे स्तर पर नकारात्मक चित्रित करना चाहिए. इसके बाद ज्योति की यात्रा  एक विचारधारा की ओर बढ़ गई, जो आगे चलकर पाकिस्तान प्रचार के साथ जुड़ गई.

दूसरी पाकिस्तान यात्रा ने पैदा की चिंता

हर साल, हजारों सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान के पवित्र स्थलों जैसे करतारपुर साहिब, पंजा साहिब आदि की यात्रा करते हैं, जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और पाकिस्तान के इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के बीच एक व्यवस्था के तहत कराई जाती है. ऐसी ही एक यात्रा के दौरान ज्योति की पहली मुलाकात एहसान उर्फ दानिश से हुई. दानिश एक पाकिस्तानी उच्चायोग अधिकारी है, जिसे बाद में 13 मई, 2025 को भारत द्वारा अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया. अप्रैल 2024 में 325वें बैसाखी महोत्सव में ज्योति ने दूसरी बार पाकिस्तान का दौरा किया, जिससे और भी चिंता पैदा हुई. इस यात्रा में वह 17 अप्रैल से 25 मई तक वहां रुकी थी.

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