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पाकिस्तान के सेंधा नमक पर बैन, क्या भारत के व्यापारियों को होगा करोड़ों का नुकसान?

वाणिज्य मंत्रालय ने 2 मई 2025 को एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. इस बैन में हिमालयन पिंक सॉल्ट (सेंधा नमक) भी शामिल है. जो पाकिस्तान की खेवड़ा खदानों से भारत में बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या इस प्रतिबंध से भारतीय व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान होगा?

Pahalgam Terror Attack News
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  • Last Updated: May 3, 2025 17:40:20 IST

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई. जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. वाणिज्य मंत्रालय ने 2 मई 2025 को एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. इस बैन में हिमालयन पिंक सॉल्ट (सेंधा नमक) भी शामिल है. जो पाकिस्तान की खेवड़ा खदानों से भारत में बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या इस प्रतिबंध से भारतीय व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान होगा?

सेंधा नमक का आयात

पाकिस्तान की खेवड़ा खदानें दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक खदानें हैं. जहां से उच्च गुणवत्ता वाला सेंधा नमक निकाला जाता है. यह नमक भारत में व्रत, आयुर्वेदिक उपचार, और स्वास्थ्यवर्धक खानपान के लिए व्यापक रूप से उपयोग होता है. यूनाइटेड नेशंस कॉमट्रेड डेटाबेस के अनुसार भारत 2024 में पाकिस्तान से लगभग 74,450 टन सेंधा नमक आयात करता था. जिसकी कीमत करीब 550 करोड़ रुपये थी. पाकिस्तान में यह नमक 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध है. जिसे भारतीय व्यापारी आयात कर 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेचते हैं. इस उच्च मार्जिन के कारण सेंधा नमक का व्यापार भारतीय कारोबारियों के लिए लाभकारी रहा है.

प्रतिबंध का भारतीय व्यापारियों पर असर

सेंधा नमक के आयात पर रोक से भारतीय व्यापारियों को तत्काल नुकसान हो सकता है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार पाकिस्तान से भारत का आयात पहले ही नगण्य था और सेंधा नमक को छोड़कर किसी अन्य वस्तु की कमी महसूस नहीं होगी. हालांकि सेंधा नमक के व्यापारियों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है. इस नमक की मांग भारत में स्थिर है और वैकल्पिक स्रोतों से इसकी आपूर्ति महंगी हो सकती है. नमक की कीमतों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ सकता है.

क्या हैं वैकल्पिक रास्ते?

भारत के पास सेंधा नमक की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोत मौजूद हैं. गुजरात और राजस्थान में नमक उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और समुद्री नमक का उत्पादन भी भारत की जरूरतों को पूरा कर ता है. हालांकि खेवड़ा के सेंधा नमक की शुद्धता और विशिष्ट गुलाबी रंग इसे अनूठा बनाते हैं. जिसकी तुलना में अन्य नमक कम लोकप्रिय हैं. इसके अलावा भारत अन्य देशों जैसे अमेरिका या यूरोप से सेंधा नमक आयात कर सकता है लेकिन यह लागत को बढ़ा सकता है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत घरेलू स्तर पर सेंधा नमक के उत्पादन और प्रसंस्करण पर ध्यान दे सकता है ताकि दीर्घकालिक नुकसान से बचा जा सके.

पाकिस्तान पर ज्यादा असर

पाकिस्तान के लिए यह बैन बड़ा आर्थिक झटका है. 2019 में भारत द्वारा 200% सीमा शुल्क लगाने के बाद से पाकिस्तान का भारत में आयात पहले ही 0.42 मिलियन डॉलर तक सिमट गया था. अब पूर्ण प्रतिबंध से पाकिस्तान की खेवड़ा खदानों से होने वाली आय प्रभावित होगी. जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. दूसरी ओर भारत के लिए सेंधा नमक का आयात कुल आयात का केवल 2% हिस्सा था. जिसका प्रभाव सीमित होगा. भारतीय व्यापारी अन्य स्रोतों से आपूर्ति सुनिश्चित कर सकते हैं और सरकार की नीतियां इस दिशा में सहायता प्रदान कर सकती हैं.

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