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Baba Ramdev: पेशी से पहले रामदेव, बालकृष्ण ने कोर्ट से फिर मांगी माफी, बोले- अब नहीं होगी गलती

नई दिल्ली। Baba Ramdev: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव ने अपने उत्पादों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली कंपनी द्वारा जारी विज्ञापनों पर सर्वोच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी है। कोर्ट में दायर दो अलग-अलग हलफनामों में, रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर […]

Baba Ramdev
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  • Last Updated: April 10, 2024 07:39:11 IST

नई दिल्ली। Baba Ramdev: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव ने अपने उत्पादों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली कंपनी द्वारा जारी विज्ञापनों पर सर्वोच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी है। कोर्ट में दायर दो अलग-अलग हलफनामों में, रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए भी बिना शर्त माफी मांगी है।

अब से नहीं होगा किसी भी कानून का उल्लंघन

बता दें कि 21 नवंबर, 2023 के फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का पक्ष रखने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि अब से किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा, विशेष रूप से पतंजलि द्वारा बनाए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित तथा इसके अलावा, औषधीय को लेकर दावा करने वाला या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कीसी भी तरह का बयान किसी भी रूप में मीडिया में नहीं जारी किया जाएगा।

बाबा रामदेव ने मांगी माफी

आश्वासन का पालन न करने तथा उसके बाद के मीडिया बयानों सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया, जिसने बाद में बाबा रामदेव को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में, रामदेव ने कहा कि मैं विज्ञापनों के मुद्दे के मामले में बिना शर्त माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे इस गलती पर अफसोस है तथा मैं अदालत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इसको दोहराया नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आदेश का पालन किया जाएगा और इस तरह का अब कोई भी विज्ञापन नहीं जारी किया जाएगा।

क्या है मामला?

बता दें कि आईएमए ने आरोप लगाया कि पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीनेशन के खिलाफ एक बदनाम करने वाला अभिायन चलाया था। इस पर कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तत्काल बंद होने चाहिए। खास तरह की बीमारियों को ठीक करने के झूठे दावे करने वाले सभी उत्पादों के लिए एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने की भी संभावना जाहिर की। कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथिक फार्मास्यूटिकल्स पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए आईएमए की तरफ से दायर आपराधिक मामलों का सामना करने वाले रामदेव ने मामलों को रद्द करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।