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Budget 2023: वित्त मंत्री होते हुए बजट पेश नहीं कर पाए ये मंत्री, जानिए वजह

नई दिल्ली: संविधान का अनुच्छेद 112 के अनुसार सरकार हर साल वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करती है. इसी को आम भाषा में आम बजट कहा जाता है. इस साल का बजट कुछ ख़ास होने वाला है जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. क्योंकि अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं […]

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  • Last Updated: January 30, 2023 21:45:33 IST

नई दिल्ली: संविधान का अनुच्छेद 112 के अनुसार सरकार हर साल वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करती है. इसी को आम भाषा में आम बजट कहा जाता है. इस साल का बजट कुछ ख़ास होने वाला है जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. क्योंकि अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं तो केंद्र सरकार से इस बार ज़्यादा की अपेक्षा की जाएगी. इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही बजट को पेश करेंगी. यह पांचवी बार है जब निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे भी मौके आए हैं जब वित्त मंत्री होते हुए कई मंत्री बजट पेश नहीं कर पाए?

निर्मला सीतारमण का ये 5वां बजट

आजाद भारत के इतिहास में अब तक 34 वित्त मंत्री बन चुके हैं. वर्तमान में पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के वित्तीय सेहत की जिम्मेदारी उठा रही हैं. बतौर फाइनेंस मिनिस्टर इस साल(2023) उनका पांचवां बजट भाषण होगा. उनके आम अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण पढ़ने का रिकॉर्ड है. यह भाषण 2 घंटे 41 मिनट का था अब वित्त मंत्री फरवरी 2023 को संसद में सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी.

केसी नियोगी

देश के पूर्व वित्त मंत्री क्षितिश चंद्र नियोगी ने बतौर वित्त मंत्री पद तो संभाला था लेकिन वह आम बजट नहीं पढ़ पाए थे. दरअसल, वे महज 35 दिनों तक ही इस पद पर बने रहे थे. साल 1948 में देश में उन्‍होंने आरके शणमुखम शेट्टी की जगह ये जिम्मेदारी संभाली थी. पद संभालने के महज 35 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. बता दें, नियोगी देश के दूसरे वित्त मंत्री थे. उनके बाद जॉन मथाई देश के नए यानी तीसरे फाइनेंस मिनिस्टर बने और उन्होंने अगले साल का बजट भाषण दिया.

एच एन बहुगुणा

बजट पेश न कर पाने वाले वाले वित्त मंत्रियों की लिस्ट में अगला नाम हेमवती नंदन बहुगुणा का आता है. उन्हें भी देश का आम बजट भाषण पेश कर पाने का मौका नहीं मिल पाया. बता दें, बहुगुणा का कार्यकाल भी महज साढ़े पांच महीने का रहा. साल 1979 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में वह वित्त मंत्री बने थे.

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