Central Government Cabinet Meeting: केंद्र की मोदी सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों को विकास की नई राह दिखाने के लिए एक बार फिर बड़े कदम उठाए हैं. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. इन परियोजनाओं से न केवल इन राज्यों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी पंजाब और हरियाणा में ‘हाइब्रिड एन्युटी मोड’ पर 19.2 किलोमीटर लंबे बाईपास को मंजूरी. जीरकपुर बाईपास प्रोजेक्ट की लागत 1878.31 करोड़ रुपये होगी और यह हाईवे छह लेन का होगा.#Punjab #Haryana #Zirakpur #HybridAnnuityMode #Inkhabar #latestupdate pic.twitter.com/sI5plxzDv6
— InKhabar (@Inkhabar) April 9, 2025
कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को जोड़ने वाली तिरुपति-पाकाला-काटपाडी सिंगल रेलवे लाइन (104 किमी) के दोहरीकरण को हरी झंडी दिखाई है. इस परियोजना की कुल लागत 1332 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस रेल खंड के दोहरीकरण से दोनों राज्यों के बीच माल ढुलाई और यात्री परिवहन में तेजी आएगी. यह कदम दक्षिण भारत में रेल नेटवर्क को और सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों के लिए सफर सुगम हो जाएगा.
उत्तरी भारत में पंजाब और हरियाणा के लिए भी मोदी सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट ने हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना को मंजूरी दी है. इस परियोजना से दोनों राज्यों के बीच सड़क संपर्क बेहतर होगा. जिससे कृषि उत्पादों की ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी. यह कदम इन राज्यों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने में भी मददगार साबित होगा.
इन परियोजनाओं के जरिए केंद्र सरकार का लक्ष्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है. रेल और सड़क परियोजनाओं से न केवल परिवहन सुविधाएं बेहतर होंगी बल्कि निर्माण के दौरान और बाद में हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. सरकार का मानना है कि ये कदम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करेंगे.
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