नई दिल्ली, Big Record of UPI Transactions वित्त वर्ष 2021-22 में पहली बार UPI ने ट्रांजैक्शन का 83 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लेन-देन किया है. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने पिछले दो साल में पेमेंट सिस्टम की ग्रोथ बहुत ज्यादा की है.
कोरोना काल में UPI से लेनदेन की मजबूरी हमारी आदत सी हो गई है, अब शहरों में ही नहीं बल्कि दूरदराज के गांवों में भी डिजिटल लेनदेन आम प्रचलन में है. इसका परिनाम यह है कि वित्त वर्ष 2021-22 में UPI से लेन-देन की कीमत 83 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. यह पहली बार ऐसा हुआ है कि पिछले दो साल में UPI पेमेंट सिस्टम की ग्रोथ बहुत अधिक रही है.
बता दें, कि UPI का इस्तेमाल छोटी रकम की पेमेंट के लिए भी अक्सर लोग करते हैं. दरअसल, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने 29 मार्च तक का आंकड़ा जारी किया है. 2021-2022 में UPI से लेन-देन की कीमत करीब 83.45 लाख करोड़ रुपए तक रही. UPI पेमेंट सिस्टम पहली बार मार्च में 500 करोड़ वॉल्यूम को पार कर दी और 29 मार्च तक की लेन-देन 504 करोड़ हुई है.
मालूम हो, मार्च 29 तक की लेन-देन करीब 8.8 लाख करोड़ रुपए रही. इसकी खास वजह कोरोना महामारी है. लेकिन, UPI ने पिछले दो साल में कई रिकॉर्ड बनाए हैं. अब UPI से मासिक लेन-देन की कीमत लगभग 9 लाख करोड़ रुपए होने वाली है
वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत सुरुआती दौड़ यानि अप्रैल में UPI के माध्यम से करीब 260 करोड़ की ट्रांजैक्शन हुए थे, जिसका वैल्यू 4.93 लाख करोड़ रुपए थी और UPI की हिस्सेदारी 2021-22 में 60% रही। इससे आम आदमी के साथ दुकानदारों को भी काफी फायदा हुआ है।