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दिल्ली में वक्फ बोर्ड का सबसे बड़ा मुस्लिम प्रदर्शन, उमड़ा जनसैलाब, मोदी-शाह की बढ़ी चिंता?

वक्फ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि यह वक्फ कानून संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता. बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है. कानून वापस लेने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

modi shah and waqf board
inkhbar News
  • Last Updated: April 22, 2025 12:03:53 IST

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के संसद से पारित होने के बाद अब देशभर में मुस्लिम संगठनों द्वारा इसके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। सोमवार 22 अप्रैल को दिल्ली समेत कई प्रमुख शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की अगुवाई में हो रहे इन आंदोलनों का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय से जुड़े धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की सुरक्षा बताई जा रही है।

सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया था

बता दें कि पिछले महीने मार्च में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद अब इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार दिया जा रहा है। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित एक बड़ी जनसभा में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह किसानों ने अपने आंदोलन से सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया था, उसी तरह मुस्लिम समुदाय भी शांतिपूर्ण तरीके से इस कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा।

भारतीय लोकतंत्र पर ‘काला धब्बा’

देश के कई शहरों जैसे मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं। AIMPLB ने इस कानून को भारतीय लोकतंत्र पर ‘काला धब्बा’ करार देते हुए कहा है कि सरकार ने मुस्लिम समाज की भावनाओं और संगठनों की बात को नजरअंदाज किया है। संगठन का आरोप है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश है।

दिल्ली के जामिया नगर में हाल ही में फ्लैग मार्च भी किया गया था, जिससे राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं विपक्षी दलों ने भी इस कानून का विरोध करते हुए इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है। सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन मुस्लिम संगठनों का मानना है कि इससे उनकी संस्थाओं और संपत्तियों की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। देशभर में इस कानून के खिलाफ विरोध की लहर फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठन आने वाले दिनों में और बड़े प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।

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