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Bihar Cabinet Expansion: बिहार की पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी ने ली मंत्री पद की शपथ, जानें उनका राजनीतिक सफर

पटना। बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार शुरू हो चुका है। ऐसे में रेणु देवी नीरज कुमार बबलू, मंगल पांडे, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, नीतीश मिश्रा, नितिन नवीन, डॉ. दिलीप जायसवाल, महेश्वर हजारी, शीला मंडल, सुनील कुमार, जनक राम, हरि सहनी, कृष्णनंदन पासवान, जयंत राज, जमा खान, रत्नेश सदा, केदार गुप्ता और सुरेंद्र […]

Renu Devi
inkhbar News
  • Last Updated: March 15, 2024 19:35:39 IST

पटना। बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार शुरू हो चुका है। ऐसे में रेणु देवी नीरज कुमार बबलू, मंगल पांडे, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, नीतीश मिश्रा, नितिन नवीन, डॉ. दिलीप जायसवाल, महेश्वर हजारी, शीला मंडल, सुनील कुमार, जनक राम, हरि सहनी, कृष्णनंदन पासवान, जयंत राज, जमा खान, रत्नेश सदा, केदार गुप्ता और सुरेंद्र मेहता ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी कोटे से 12 और जेडीयू से 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है.

ऐसे में नोनिया समाज से आने वालीं ​पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री पद की शपथ ले चुकी हैं। रेणु देवी बेतिया से बीजेपी विधायक औऱ बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। 2020 में जब एनडीए को बहुमत मिला था तब रेणु देवी को डिप्टी सीएम बनाया गया था। रेणु देवी बिहार की पहली महिला डिप्टी सीएम हैं। आइए जानते जानते हैं रेणु देवी के जीवन के राजनीतिक सफर के बारे में।

कौन हैं रेणु देवी?

रेणु देवी का जन्म 11 नवंबर 1959 को कृष्णा प्रसाद के यहां हुआ था, जो एक पिछड़े समाज नोनिया से थे। उन्होंने महंत दर्शन दास महिला कॉलेज, मुजफ्फरपुर से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है। साल 1973 में बहुत ही कम उम्र में उनकी शादी पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक इंश्योरेंस इंस्पेक्टर दुर्गा प्रसाद से हुई थी। लेकिन शादी के 7 साल बाद ही उनके पति का अचानक निधन हो गया। इसके बाद रेणु देवी अपनी मां के घर लौट आईं। उनके दो बच्चे थे, फिर भी उनका जुड़ाव आरएसएस से हो गया। रेणु देवी की मां भी संघ से जुड़ी हुई थी। वो विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की एक कार्यकर्ता भी थीं।

ऐसे हुई राजनीतिक सफर की शुरूआत

दरअसल, जब बीजेपी का गठन हुआ, तो रेणु देवी भी उसमें शामिल हो गईं। जिसके बाद वो भारतीय महिला मोर्चा की सक्रिय सदस्य बनीं और चंपारण में कई अभियान का नेतृत्व भी किया। जब लालकृष्ण आडवाणी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि के लिए आंदोलन शुरू हुआ तो इसमें भी वो सक्रिय रहीं। साल 1990 में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया। साल 1995 में उन्होंने बिहार विधानसभा के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें इसमें हार मिली।

हालांकि, साल 2000 में उनकी मेहनत रंग लाई और वो बेतिया से विधायक के रूप में चुनी गईं। इसके बाद 2015 तक रेणु देवी ने इस सीट पर कब्जा जमाए रखा। इसके बाद साल 2015 में हार के बाद उन्होंने फिर 2020 में बेतिया से ही चुनाव लड़ा और जीता भी। वो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनीं।