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Bihar caste census: बिहार में जातिगत जनगणना संपन्न, नीतीश और लालू ने दी अलग- अलग राय

नई दिल्लीः बिहार में जाति आधारित गणना जारी कर दिए है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है की प्रदेश में किस जाति और धर्म के लोगों की कितनी आबादी है। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा की बिहार में कराई गई जाति […]

Bihar caste census: बिहार में जातिगत जनगणना जारी, नीतीश और लालू ने दी अलग- अलग राय
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  • Last Updated: October 2, 2023 16:44:21 IST

नई दिल्लीः बिहार में जाति आधारित गणना जारी कर दिए है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है की प्रदेश में किस जाति और धर्म के लोगों की कितनी आबादी है। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा की बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए है। साथ ही उन्होंने जनगणना में लगी हुई पूरी टीम को बधाई दी है और कहा कि सभी वर्ग का विकास होगा। दूसरी तरफ नीतीश सरकार में सहयोगी आरजेडी के सुप्रीमो लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार से हटकर अलग प्रतिक्रिया दी है।

जनगणना के लिए पहले से तैयार किया गया था प्लान

जातिगत जनगणना जारी होने के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि गनणा के लिए सर्वसम्मति से विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और मेरी तरफ से 2 जून को मंत्रिपरिषद से इसकी मंजूरी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गनणा ने सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी वर्गो के आर्थिक स्थिति के बारे में जानकरी सामने आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा के सभी 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी ताकि जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाए।

लालू यादव ने भी रखी अपनी बात

जाति आधारित जनसंख्या के आंकड़े जारी होने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि गांधी जयंती के मौके पर हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है। आगे उन्होंने कहा कि यह आकंड़े गरीबों, वंचितों और उपेक्षितों के समुचित विकास और तरक्की के लिए सम्रग योजना बनाने प्रदेश और पिछड़े आबादि को सामान प्रतिनिधित्व देने में देश के सामने मिसाल पेश करेगा। उन्होंने कहा कि हमारा मानना कि सरकार को अब सुनिश्तित करना चाहिए की जिसकी जितनी संख्या हो , उसकी उतनी जिम्मेदारी हो।