पटना. Bihar Child Death Encephalitis Asbestos Angle: बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार के कारण 150 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद से बवाल मचा है. इंसेफेलाइटिस के लिए पहले भीषण गर्मी और फिर लीची को दोष दिया गया. इस बीच एम्स के डॉक्टरों की एक स्टडी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि बच्चों में जानलेवा बीमारी इंसेफेलाइटिस फैलने का एक कारण एस्बेस्टस से बना घर भी हो सकता है. सरकारी आकंडों की मानें तो 178 बच्चे इस घातक बीमारी की चपेट में आ गए हैं. बच्चों की मौत का मामला सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में राजनीतिक तूल पकड़ा हुआ है. दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के डॉक्टरों के एक समूह, जिन्होंने मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज किया, उनके अनुसार इस बीमारी की वजह कुषोषण और जागरूकता की कमी के साथ-साथ पीड़ित बच्चों के घरों की एसबेस्टस (सीमेंट से बनी) छत भी हो सकती हैं.
गौरतलब है कि डॉक्टरों के इस समूह ने हाल ही में स्वतंत्र तौर पर मामले की एक रिपोर्ट तैयार की. इसके लिए उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिजनों से जाकर मुलाकात भी की. इनमें कई घर वो भी थे, जिनके बच्चे बीमारी की चपेट आकर जान खो बैठे. हालातों का जायजा लेकर रिपोर्ट तैयार करने के बाद टीम के लीडर और सीनियर डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी ने कहा कि बहुत ज्यादा गर्मी और कुपोषण के अलावा हमने पाया कि ज्यादातर मरने वाले बच्चों का घरों में एस्बेस्टस की छत है, इस वजह से तेज गर्मी की वजह से रात के समय भी घर का तापमान काफी ज्यादा रहता है. साथ ही कई पीड़ित बच्चों के परिवार ने ये भी माना की स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए जाने ओआरएस के पैकेट्स भी उन्हें कभी नहीं दिए गए, जबकि यह नियम के अनुसार जरूरी है.
डॉक्टरों के समूह ने रिपोर्ट तैयार करने के दौरान पाया कि बिमारी प्रभावी इलाकों में अधिकतर बच्चों को दिमागी बुखार से बचाव वाला जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सिनेशन नहीं दिया गया है. साथ ही रिपोर्ट बनाने के दौरान डॉक्टर्स ने पाया कि बीमारी की चपेट में आने वाले ज्यादातर बच्चों में मेटाबोलिक डिसऑर्डर पाया गया, जिसकी वजह से शरीर में माइटोकॉन्ड्रिया ने ठीक से काम करना बंद कर दिया. इसकी वजह से मल्टी ऑर्गन फेल्योर और टोक्सिक अमोनिया का लेवल ज्यादा होने से बच्चों की मौत हो जाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर पीड़िता बच्चों के घर जब डॉक्टर्स की टीम पहुंची तो वहां न तो पीने का साफ पानी नहीं था, साथ ही घर में साफ-सफाई की भी कमी थी. चमकी बुखार पर एम्स के डॉक्टर्स की यह रिपोर्ट बिहार की नीतीश कुमार सरकार की परेशानी जरूर बढ़ा सकती है. सूत्रों की मानें तो इन सभी पॉइंट्स पर सरकार अगले सप्ताह सदन में विस्तृत जानकारी देगी.