पटना: बिहार में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की टी पार्टी में शामिल होने के लिए सीएम नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे हैं. हालांकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे हैं. उनके अलावा विधानसभा अध्यक्ष अवध नारायण चौधरी समेत आरजेडी के विधायक भी राजभवन नहीं पहुंचे हैं. जबकि राजभवन द्वारा सभी को निमंत्रण दिया गया था. आरजेडी कोटे से सिर्फ शिक्षा मंत्री आलोक मेहता ही राजभवन पहुंचे हैं.

तेजस्वी की कुर्सी पर बैठे JDU नेता

बता दें कि राजभवन में आयोजित टी पार्टी में राज्यपाल के साथ-साथ मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और विधानसभा स्पीकर समेत वरिष्ठ नेताओं की कुर्सी लगी थी. बताया जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) कोटे से मंत्री अशोक चौधरी ने डिप्टी सीएम तेजस्वी के नाम का स्टीकर हटाकर उनकी कुर्सी पर बैठ गए.

28 को शपथ लेगी नई सरकार?

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक 28 जनवरी को जेडीयू-बीजेपी की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. बताया जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के साथ आने पर नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, वहीं बीजेपी खेमे से दो उपमुख्यमंत्री होंगे. सुशील मोदी और रेणू देवी डिप्टी सीएम बनेंगी. उधर, विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावनाओं पर बिहार भाजपा के नेताओं ने समर्थन नहीं किया है. खबरों के मुताबिक़, बिहार में लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव नहीं कराया जाएगा.

कल अमित शाह ने किया मंथन

बता दें कि बिहार की सियासत में मची हलचल और नीतीश कुमार के फिर से पाला बदल कर बीजेपी के साथ जाने के कयासों के बीच फिलहाल पार्टी की तरफ से सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं आया है. इस बीच बीते दिन यानी गुरुवार को पटना में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार विमर्श किया.

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