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21 दिसंबर को ऐसा क्या होगा कि BJP ने जारी कर दिया अपने सांसदों को व्हिप

बीजेपी ने 21 दिसंबर को अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दिन केंद्र सरकार संसद में कुछ महत्वपूर्ण बिल पेश कर सकती है. चर्चा है कि सरकार तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाने वाला विधेयक पेश कर सकती है लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले अगले साल ही सरकार पास कराएगी.

BJP candidates for tripura election
inkhbar News
  • Last Updated: December 19, 2017 21:12:21 IST

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 21 दिसंबर यानी गुरुवार के दिन अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है. बीजेपी ने तीन लाइन का व्हिप जारी कर बीजेपी के लोकसभा सांसदों को इस दिन संसद में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं. चर्चा है कि सरकार तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाने वाला विधेयक पेश कर सकती है लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि इस विधेयक को लोकसभा चुनाव से पहले अगले साल ही सरकार पास कराएगी. तो संभव यह है कि दूसरे तमाम बिल जो पेंडिंग हो, उसमें कुछ जरूरी बिलों पर केंद्र सरकार 21 दिसंबर को लोकसभा में बहस और वोटिंग कराए. जिसके लिए बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाहती है इसलिए उसने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है.

गौरतलब है कि 26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. मोदी सरकार के आते ही ट्रिपल तलाक का मुद्दा केंद्र सरकार के लिए अहम बन चुका था. मुस्लिम महिलाएं भी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार के साथ खड़ी थीं. इस साल संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले तीन तलाक विधेयक के मसौदे पर केंद्रीय कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. मोदी सरकार की ओर से तैयार किए गए इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि एक बार में तीन तलाक देने पर किसी भी पति को 3 साल तक की सजा हो सकती है. बिल के अनुसार ट्रिपल तलाक गैर जमानती अपराध होगा. इस बिल को संसद में पेश करने के बाद दोनों सदनों से पारित करवाया जाना है, लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार इस बिल को पास कराएगी.

बताते चलें कि 15 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है. शीतकालीन सत्र में देरी पर विपक्ष मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा था. विपक्षी दलों का कहना था कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के चलते केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में देरी कर रही है. 14 दिसंबर को गुजरात में दूसरे चरण की वोटिंग पूरी हुई, जिसके बाद 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र शुरू हुआ. जैसा कि पहले से तय माना जा रहा था कि सत्र की शुरूआत हंगामेदार होगी, ठीक ऐसा ही हुआ. जिसके बाद मंगलवार को राज्यसभा में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) बिल रखा गया, जिसे पास कर दिया गया. बहरहाल इस सत्र में सरकार के कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा संभव है, साथ ही कई बिल संसद में पेश भी किए जाएंगे. बीजेपी की लिस्ट में ओबीसी, अति पिछड़े वर्ग को संवैधानिक दर्जा दिलाने का बिल भी है, जिन्‍हें वह इसी सत्र में पास कराना चाहेगी. देखना अहम होगा कि क्या मोदी सरकार विपक्ष के विरोध के बावजूद इन बिलों को इस सत्र में पास करा पाएगी.

 

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