नई दिल्ली: देश की राजनीति में इस वक़्त सरकारी स्कूल सियासी मुद्दा बने हुए है. दिल्ली-गुजरात हो या फिर हरियाणा, हर तरफ सियासी दलों के नेता एक दूसरे पर तंज कस रहे है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और हरियाणा के सीएम के बीच एक विधायक एक पेंशन को लेकर शुरू हुए राजनीतिक विवाद की आंच अब सीएम स्कूल तक पहुंच गई है। हरियाणा के सीएम जिस स्कूल से पढ़े हुए थे, उसकी दुर्दशा पर आम आदमी पार्टी ने तंज कसा तो बीजेपी ने जवाब दिया कि सुशील गुप्ता जी पंजाब कम जाया करिए और केजरीवाल जी के साथ ज्यादा वक्त ना बिताया करिए। इस ट्वीट के साथ बीजेपी ने स्कूल की नई इमारत की फोटो शेयर की
इस ट्वीट के बाद आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा- जिस स्कूल की आप फोटो दिखा रहे है, वास्तव में यह फोटो वह बाहर गेट की डाली है। हमने स्कूल की अंदर की फोटो शेयर की है जो प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत दिखती है और यह हरियाणा में किसी से छुपी नहीं है। इसके साथ ही पार्टी ने लिखा कि यदि सरकार ने कुछ किया होता तो साफ़ तौर पर दिखाई देता। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि स्कूलों की वास्तविकता का पता चलते ही भाजपा राज्य हैंडल से आम आदमी पार्टी के राज्य हैंडल को ब्लॉक कर दिया गया. हालांकि बाद में जनता के दबाव से इसे अन ब्लॉक कर दिया।
दोनों राजनीतिक दलों के बीच छिड़ी इस जंग के अंत में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को भाली आनंदपुर गांव में आने का न्योता दिया और कहा कि वे खुद आकर स्कूल का ज़ायज़ा लें और स्मार्ट क्लासेस को देखें। इसके साथ बीजेपी ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए आप झूठ और दुष्प्रचार का सहारा ले रही है जो गलत है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा के सीएम को पंजाब की तरह एक विधायक- एक पेंशन नियम लागू करना चाहिए। उन्होंने इस ट्वीट पर सीएम मनोहर को टैग किया था. इस पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केजरीवाल की बुद्धि ठीक नहीं है, उसे 24 अप्रैल को पानीपत में आकर गुरुबाणी सुननी चाहिए। इसी के जवाब में हरियाणा की आप इकाई ने ट्वीट कर लिखा कि जहां सीएम खट्टर खुद पढ़े, उस स्कूल की ये हालत है अब बताओ बुद्धि किसकी ठीक नहीं है.