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महाराष्ट्र वाली मैच फिक्सिंग बिहार में भी करेगी बीजेपी, राहुल गांधी का बड़ा बयान

शनिवार को अखबार The Indian Express में प्रकाशित एक लेख में राहुल गांधी ने लिखा, भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने चुनाव जीतने के लिए पांच चरणों में योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि जैसे महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग की गई, वैसे ही अगली बार यह बिहार में होगी या फिर किसी अन्य राज्य में फिक्सिंग की जा सकती है।

Rahul Gandhi on Lord Ram
inkhbar News
  • Last Updated: June 7, 2025 19:41:06 IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि इस चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ की गई थी, जिससे पहले से ही भाजपा की जीत सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी की गई थी।

शनिवार को अखबार The Indian Express में प्रकाशित एक लेख में राहुल गांधी ने लिखा, भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने चुनाव जीतने के लिए पांच चरणों में योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि जैसे महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग की गई, वैसे ही अगली बार यह बिहार में होगी या फिर किसी अन्य राज्य में फिक्सिंग की जा सकती है।

राहुल गांधी के लेख की 4 बड़ी बातें

(1) राहुल गांधी ने कहा कि ये समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा क्यों इतनी घबराई हुई नजर आई। लेकिन चुनाव प्रक्रिया में हेराफेरी करना किसी मैच फिक्सिंग जैसा है। भले ही धोखा देने वाली टीम जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का चुनावी प्रक्रिया से विश्वास उठ जाता है। हर जागरूक भारतीय को इन तथ्यों को समझना चाहिए, स्वयं सोचकर निर्णय लेना चाहिए और सवाल उठाने चाहिए। चुनाव में गड़बड़ी करना लोकतंत्र को भीतर से नुकसान पहुंचाने जैसा है।

(2) राहुल ने आगे कहा कि मैं किसी मामूली चुनावी गड़बड़ी की बात नहीं कर रहा, बल्कि ऐसे संगठित और बड़े स्तर के भ्रष्टाचार की बात कर रहा हूं जिसमें देश की प्रमुख संस्थाओं को भी नियंत्रण में लेने का प्रयास किया गया।

(3) राहुल गांधी ने 2023 में भाजपा सरकार द्वारा लाए गए ‘चुनाव आयुक्त नियुक्ति कानून’ पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल कर दिया गया, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर असर पड़ा और इसका पूरा नियंत्रण सरकार के हाथ में चला गया।

(4) राहुल ने कहा कि क्या मुख्य न्यायाधीश को हटाकर उसकी जगह किसी कैबिनेट मंत्री को लाना सही कदम माना जा सकता है? सोचिए, कोई भी व्यक्ति किसी निष्पक्ष अधिकारी को हटाकर क्यों अपने विश्वासपात्र को लाना चाहेगा? इसका जवाब अपने आप मिल जाता है।

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